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(६) अन्तर प्ररूपणा द्वार
१११. (१) णेगम-ववहाराणं आणुपुब्बीदव्वाणमंतरं कालओ केवचिरं होइ ?
एगं दव्वं पुडुच्च जहण्णेणं एगं समयं उक्कोसेणं अणंतं कालं, नाणादव्वाइं पडुच णत्थि अंतरं।
१११. (प्रश्न १) नैगम और व्यवहारनयसम्मत आनुपूर्वीद्रव्यों में कालकृत अन्तरविरहकाल कितना होता है ?
(उत्तर) एक द्रव्य की अपेक्षा जघन्य एक समय और उत्कृष्ट अनन्त काल का अन्तर होता है, किन्तु अनेक द्रव्यों की अपेक्षा उनमें अन्तर या विरहकाल नहीं होता। (6) ANTAR-DVAR
111. (Question 1) In context of time, what is the antar (intervening period between losing the present form and regaining it) in case of naigam-vyavahar naya sammat anupurvi dravya (sequential substances conforming to coordinated and particularized viewpoints)?
(Answer) With respect to a single anupurvi (sequential) substance this period is a minimum of one samaya and maximum of infinite time. However with respect to many anupurvi (sequential) substances this antar does not exist.
(२) णेगम-ववहाराणं अणाणुपुबीदव्वाणं अंतरं कालओ केवचिरं होइ ?
एगं दव्वं पुडुच्च जहण्णेणं एगं समयं उक्कोसेणं असंखेनं कालं, नाणादव्बाई पुडुच्च पत्थि अंतरं।
१११. (प्रश्न २) नैगम और व्यवहारनयसम्मत अनानुपूर्वीद्रव्यों में काल की अपेक्षा अन्तर कितना होता है?
(उत्तर) एक द्रव्य की अपेक्षा जघन्य एक समय का अन्तरकाल और उत्कृष्ट असंख्यात काल का अन्तर होता है तथा अनेक अनानुपूर्वीद्रव्यों की अपेक्षा अन्तर नहीं होता है।
आनुपूर्वी प्रकरण
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The Discussion on Anupurvi
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