Book Title: Agam 32 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Tarunmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan
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(५-६) काल और अन्तर की प्ररूपणा
१२७. संगहस्स आणुपुचीदव्वाइं कालओ केवचिरं होंति ? सबद्धा। एवं दोण्णि वि।
१२७. (प्रश्न) संग्रहनयसम्मत आनुपूर्वीद्रव्य काल की अपेक्षा कितने काल तक (आनुपूर्वी रूप में) रहते हैं?
(उत्तर) आनुपूर्वीद्रव्य आनुपूर्वी रूप में सर्वकाल रहते हैं। इसी प्रकार का कथन शेष दोनों द्रव्यों के लिए भी समझना चाहिए। (5-6) KAAL-DVAR AND ANTAR-DVAR
127. (Question) In context of time for what duration do the samgraha naya sammat anupurvi dravya (sequential substances conforming to generalized viewpoint) exist in their sequential form) ?
(Answer) They exist in the same form always. The same holds good for the other two type of substances (ananupurvi or non-sequential and avaktavya or inexpressible).
१२८. संगहस्स आणुपुब्बीदव्वाणं कालओ केवचिरं अंतरं होति ? नत्थि अंतरं। एवं दोण्णि वि।
१२८. (प्रश्न) संग्रहनयसम्मत आनुपूर्वीद्रव्यों में काल की अपेक्षा कितना अन्तर-विरहकाल रहता है ?
(उत्तर) आनुपूर्वीद्रव्यों में काल की अपेक्षा अन्तर नहीं होता है। इसी प्रकार शेष दोनों द्रव्यों के लिए समझना चाहिए। ____128. (Question) In context of time what is the antar (intervening period between loosing the present form and regaining it) in case of samgraha naya sammat anupurvi dravya (sequential substances conforming to generalized viewpoint)?
आनुपूर्वी प्रकरण
( २११ )
The Discussion on Anupurvi
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