Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Shashtam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 18
________________ समणे भगवं महावीरे तेणामेव उवागच्छइ जाव तिक्खुत्तो आयाहिण-पयाहिणं करेइ करेत्ता वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स नच्चासन्ने नाइद्रे सुस्सूमाणे पंजलिउडे अभिमहे विणएणं पज्जुवासइ । तए णं समणे भगवं महावीरे मेहस्स कुमारस्स तीसे य महइमहालियाए परिसाए मज्झगए विचित्तं धम्ममाइक्खइ- जह जीवा बुज्झंति मुच्चंति जहा य संकिलिस्संति धम्मकहा भाणियव्वा जाव परिसा पडिगया । [३१] तए णं से मेहे कुमारे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्म सोच्चा निसम्म सयक्खंधो-१, अज्झयणं-१ हद्वतुट्टे समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिण-पयाहिणं करेइ करेत्ता वंदइ नमसइ वंदित्ता एवं वयासी- सद्दहामि णं भंते! निग्गंथं पावयणं एवं पत्तियामि णं रोएमि णं अब्भटेमि णं भंते निग्गंथं पावयणं एयमेयं भंते तहमेयं भंते अवितहमेयं भंते इच्छियमेयं भंते! पडिच्छियमेयं भंते! इच्छियपडिच्छियमेयं भंते! से जहेयं तब्भे वयह जं नवरं देवणप्पिया! अम्मायियरो आपच्छामि तओ पच्छा मुंडे भवित्ता णं अगाराओ अणगारियं पव्वइस्सामि, अहासहं देवाणउप्पिया मा पडिबंधं करेहि । तए णं से मेहे कुमारे समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता जेणावमेव चाउग्घंटे आसरहे तेणामेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता चाउग्घंट आसरहं दुरूहइ महया भड-चडगर-पहकरेणं रायगिहस्स नगरस्स मज्झमज्झेणं जेणामेव सए भवणे तेणामेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता चाउग्घंटाओ आसरहाओ पच्चोरूहइ पच्चोरूहित्ता जेणामेव अम्मा-पियरो तेणामेव उगच्छइ उवागच्छित्ता अम्मापिऊणं पायवडणं करेइ करेत्ता एवं वयासी एवं खलु अम्मयाओ मए समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्मे निसंते से वि य मे धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरुइए, तए णं तस्स मेहस्स अम्मापियरो एवं वयासी- धन्नोसि तुमं जाया संपुण्णो सि तुमं जाया कयत्थो सि तुमं जाया कयलक्खणो सि तुमं जाया जंणं तुमे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्मे निसंते से वि य ते धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरूइए तए णं से मेहे कुमारे अम्मापियरो दोच्चंपि एवं वयासी- एवं खल अम्मयाओ मए समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्मे ने से विय मे धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरूइए तं इच्छामि णं अम्मयाओ तब्भेहिं अब्भणण्णाए समाणे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए मुंडे भवित्ता णं अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए । तए णं सा धारिणी देवी तं अणिटुं अकंतं अप्पिय अमणण्णं अमणामं अस्य पव्वं फरुसं गिरं सोच्चा निसम्म इमेणं एयारूवेणं मओमाणसिएणं महया पत्तदुक्खेणं अभिभूया समाणि सेयागयरोमकूवपगलंत-चिलिणगाया सोयभर-पवेवियंगी नित्तेया दीण-विमण-वयणा करयलमलिय व्व कमलमाला तक्खणओलुग्गदुब्बलसरीर-लावण्णसुन्ज-निच्छाय-गयसिरीया पसिढिल-भूसण-पइंतखुम्मि-यसंचुण्णियधवलवलय-पब्भट्ठउत्तरिज्जा सूमाल-विकिण्ण-केसहत्था मुच्छा-वसनट्ठचेय-गरुई परनियत्त व्व चंपगलयानिव्वत्तमहे व्व इंदलट्ठी विमुक्क-संधिबंधणा कोट्टि-मतलंसि सव्वंगेहिं धसत्ति पडिया तए णं सा धारिणी देवी ससंभमोवत्तियाए तुरियं कंचण-भिंगारमुहविणिग्गय-सीयलजलविमलधाराए परिसिंचमाण-निव्वावियगायलट्ठी उक्खेवय-ताव-विंटवीयण-जणियवाएणं सफसिएमं अंतेउरपरिजणेणं आसासिया समाणी मत्तावल सन्नि-गास पवडंत-अंसुधाराहिं सिंचमाणी पओहरे कलुण-विमण-दीणा रोयमाणी कंदमाणी तिप्पमाणी सोयमाणी विलयमाणी मेहं कुमारं एवं वयासी- | [दीपरत्नसागर संशोधितः] [17] [६-नायाधम्मकहाओ]

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