Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Shashtam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
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आपुच्छित्ता पुणरवि अगारमज्झे आवसित्तए त्ति कट्टु एवं संपेहेसि संपेहेत्ता अट्ट-दुहट्ट-वसट्ट-माणस जाव रयणिं खवेसिं खवेत्ता जेणामेव अहं तेणामेव हव्वमागए? से नूणं मेहा एस अत्थे समत्थे ?, हंता अत्थे समत्थे ।
एवं खलु मेहा! तुमं इओ तच्चे अईए भवग्गहणे वेयड्ढगिरिपायमूले वणयरेहिं निव्वत्तियनाम-धेज्जे सेए संख - उज्जल - विमल निम्मल - दहिघण- गोखीर- फेण-रयणियरप्पयासे सत्तुस्सेहे नवायए दसपरिणाहे सत्तंगपट्ठिए सोम - सम्मिए सुरुवे पुरओ उदग्गे समूसियसिरे सुहासणे पिट्ठओ वराहे अइयाकुच्छी अच्छिद्दकुच्छी अलंबकुच्छी पलंबलंवोदराहकरे धणुपट्ठागिति-विसिट्ठपुट्ठे अल्लीण-पमाणजुत्तवट्टिय-पीवर-गत्तावरे अल्लीण- पमाणजुत्तपुच्छे पडिपुन्न- सुचारुकुमचलणे पंडुर-सुविसुद्ध - निद्ध-निरुवहयविंसतिनहे छद्दंते सुमेरुप्पभे नामं हत्थिराया होत्था तत्थ णं तुमं मेहा बहूहिं हत्थीहि य हत्थिणियाहि य लोट्टएहि य लोट्टियाहि य कलभेहि य कलभियाहि य सद्धिं संपरिवुडे हत्थिसहस्सनायए देसए पागट्ठी पट्ठव जूहवई वंदपरिवड्ढए अण्णेसिं च बहूणं एकल्लाणं हत्थिकलभाणं आहेवच्चं जाव विहरसि ।
तणं तुमं मेहा! निच्चप्पमत्ते सई पललिए कंदप्परई मोहणसीले अवितण्हे कामभोगतिसुयक्खंधो-१, अज्झयणं-१
सिए बहूहिं हत्थीहि य जाव संपरिवुडे वेयड्ढगिरिपायमूले गिरीसु य दरीसु य कुहरेसु य कंदरासु य उज्झरेसु य निज्झरेसु य वियरएसु य गड्डासु य पल्ललेसु य चिल्ललेसु य कडगेसु य कडयपल्ललेसु य तडीसु य वियडीसु य टंकेसु य कूडेसु य सिहरेसु य पब्भारेसु य मंचेसु य मालेसु य काणणेसु य वणेसु य वणसंडेसु य वणराईसु य नदीसु य नदीकच्छेसु य जहेसु य संगमेसु य वावीसु य पोक्खरणीसु य दीहियासु य गुंजालियासु य सरेसु य सरपंतियासु य सरपंतियासु य वणयरेहिं दिन्नवियारे बहूहिं हत्थीहि य जाव सद्धिं य संपरिवुडे बहुविहतरुपल्लव-पठरपाणियतणे निब्भए निरुव्विग्गे सुहंसुहेणं विहरिस तए तुमं मेहा-अण्णया कयाई पाउस-वरिसारत्त- सरद हेमंत वसंतेसु कमेण पंचसु उऊसु समइक्कं सु गिम्हकालसमयंसि जेट्ठामूले मासे पायवघंससमुट्ठिएणं सुक्कतण-पत्त-कयवर मारुय-संजोगदी - विएणं महाभयंकरेणं हुयबहेणं वणदव-जाल- संपलित्तेसु वणंतेसु धूमाउलासु दिसासु महावाय वेगेणं संघट्टिएसु छिण्णजालेसु आवयमाणेसु पोल्लरुक्खेसु अंतो- अंतो झियायमाणेसु मय-कुहिय-विणट्ठ-किमिय-कद्दमनईवियरगज्झीणपाणीयंतेसु वणंतेसु भिंगारक दीणकंदियरवेसु खरफरुस-अणिट्ठ-रिट्ठ-वाहित्त-विद्दुमग्गसु दुमेसु तम्हावसमुक्कपक्ख-पायडियजिब्भतालुय-असंपुडियतुंडपक्खिसंघेसु ससंतेसु गिम्हुम्ह उण्हवायखरफरुसचंडमारुय-सुक्कतणपत्तकयवरवाउलि-भमंतदित्तसंभंतसावयाउल-मिगतण्हाबद्ध-चिंधपट्टेसु गिरिवरेसु संवट्टइएसु तत्थमिय-समय- सरीसिवेसु अवदालियवयणविवर निल्लालियग्गजीहे महंततुंबइय-पुन्नकण्णे संकुचिय थोर-पीव-रकरे-ऊसिय- नंगूले पीणाइय- विरसरडिय - सद्देणं फोडयंतेव अंबरतलं पायदद्दरएणं कंपयंतेव मेइणितलं विणिम्मुयमाणे य सीयरं सव्वओ समंता वल्लिवियाणाइं छिंदमाणे रुक्खसहस्साइं तत्थ सुबहू नोल्लयंते विणट्ठरट्ठेव्व नरवरिंदे वायाइद्धेव्व पोए मंडलवाएव्व परिब्भमंते अभिक्खणं- अभिक्खणं लिंडनियरं पहुंचमाणे- पहुंचमाणे बहूहिं हत्थीहिं य जाव सद्धिं दिसोदिसिं विप्पलाइत्था ।
तत्थ णं तुमं मेहा! जुण्णे जरा जज्जरिय-देहे आउरे झंझिए पिवासिए दुब्बले किलंते नट्ठसुइए मूढदिसाए सयाओ जूहाओ विप्पहूणे वणदवजालापरद्धे उण्हेण य तण्हाए य छुहाए य परब्भाह समाणे भीए तत्थे तसिए उव्विग्गे संजायभए सववाओ समंता आधावमाणे परिधावमाणेएगं च णं महं सरं अप्पोदगं पंकबहुलं अतित्थेणं पाणियपाए ओइण्णे, तत्थ णं तुमं मेहा! तीरमइगए पाणियं असंपत्तअंतरा [दीपरत्नसागर संशोधितः]
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[६-नायाधम्मकहाओ]
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