Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Shashtam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 29
________________ इच्छामि णं भंते तब्भेहिं अब्भणण्णाए समाणे दोमासियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए, अहासुहं देवाणुप्पिया! मा पडिबंध करेह, जहा पढमे अभिलावो तहा दोच्चाए तच्चाए चउत्थाए पंचमाए छम्मासियाए सत्तमासियाए पढमसत्तराइंदियाए दोच्चसत्तराइंदियाए तच्च सत्तराइंदियाए अहोराइयाए एगराइयाए वि, तए णं से मेहे अणगारे बारस भिक्खुपडिमाओ सम्म काएणं फासेत्ता पालेत्ता सोभेत्ता तीरेत्ता किट्टेत्ता पूणरवि वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी-इच्छामि णं भंते तब्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे गुणरयणसंवच्छरं तवोकम्म उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए अहासुहं देवाणुप्पिया मा पडिबंधं करेह । तए णं से मेहे अणगारे पढमं मासं चउत्थं-चउत्थेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं दिया ठाणुक्कुडुए सूराभिमुहे आयावणभूमीए आयावेमाणे रत्तिं वीरासणेणं अवाउडएणं दोच्चं मासं छटुं-छट्टेणं० तच्चं मासं अट्ठम-अट्ठमेणं० चउत्थं मासं दसमंदसमेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं दिया ठाणक्कुडुए सूराभिमुहे आयावणभूमीए आयावेमाणे रत्तिं वीरासणेणं अवाउडएणं पंचमं मासं दुवालसमं-द्वालसमेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं दिया ठाणुक्कुडुए सूराभिमुहे आयावणभूमीए आयावेमाणे रत्तिं वीरासणेणं अवाडउएणं, एवं एएणं अभिलावेणं छढे चोद्दसम-चोद्दसमेणं सत्तमे सोलसमं-सोलसमेणं अट्ठमे अट्ठारसमंअट्ठारसमेणं नवमे वीसइम-वीसइमेणं दसमे बावीसइम-बावीसइमेणं एक्कारसमे चउव्वीसइम-चउव्वीसइमेणं बारसमे छव्वीसइम-छव्वीसइमेणं तेरसमे अट्टावीसइम-अट्ठावीसइमेणं चोद्दसमे तीसइमस्यक्खंधो-१, अज्झयणं-१ तीसइमेणं पंचदसमे बत्तीसइम-बत्तीसइमेणं सोलमे चउत्तीसइम-चउत्तीसइमेणं-अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेमं दिया ठाणक्कड़ए सुराभिमहे आयावणभमीए आयावेमाणे वीरासणेणं अवाउडएणं य, तए णं से मेहे अणगारे गुणरयसंवच्छरं तवोकम्मं अहासुत्तं जाव सम्मं काएणं फासेइ पालेइ सोभेइ तीरेइ किट्टेइ अहासत्तं अहाकप्पं जाव किट्टेत्ता समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता ब छठ्ठहमदसम-द्वालसेहिं मासद्धमासखमणेहिं विचित्तेहिं तवोकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । [४०] तए णं से मेहे अणगारे तेणं ओरालेणं विप्लेणं सस्सिरीएणं पयत्तेणं पग्गहिएणं कल्लाणेणं सिवेणं धन्नेणं मंगल्लेणं उदग्गेणं उदारेणं उत्तमेणं महाणभावेणं तवोकम्मेणं सक्के लुक्खे निम्मंसे किडिकिडियाभूए अद्विचम्मावणद्धे किसे धमणिसंतए जाए यावि होत्था जीवंजीवेणं गच्छड़ जीवंजीवेणं चिट्ठइ भासं भासित्ता गिलाइ भासं भासमाणे गिलाइ भासं भासिस्सामि त्ति गिलाइ से जहानामएइंगालसगडिया इ वा कट्ठसगडिया इ वा पत्तसगडिया इ वा तिलंडासगडिया इ वा एरंडसगडिया इ वा उण्हे दिन्ना सुक्का समाणी ससदं गच्छइ ससदं चिट्ठि एवामेव मेहे भासरासिरपरिच्छन्ने तवेणं तेएणं तवतेयसिरीए अईव-अईव उवसोभेमाणे-उवसोभेमाणे चिट्ठइ । तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे आइगरे तित्थगरे जाव पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे गामाणुगामं दूइज्जमाणे सुहंसुहेणं विहरमाणे जेणामेव रायगिहे नयरे जेणामवे गुणसिलए चेइए तेणामेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता अहापडिरूवं उगहं ओगिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ। तए णं तस्स मेहस्स अणगारस्स राओ पव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं जागरमाणस्स अयमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समप्पज्जित्था- एवं खल अहं इमेणं ओरालेणं तहेव जाव भासं भासिस्सामि त्ति गिलाणि तं अत्थि ता मे उहाणे कम्मे बले वीरिए परिसकार-परक्कमे सद्धा-धिइ [दीपरत्नसागर संशोधितः] [28] [६-नायाधम्मकहाओ]

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