Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Shashtam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
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पामोक्खाणं अट्ठाणं कुमारकोडीणं संबपामोक्खाणं सट्ठीए दंतसाहस्सीणं वीरसेणपामोक्खाणं एक्क-वीसाए वीरसाहस्सीणं महासेणपामोक्खाणं छप्पण्णाए बलवगसाहस्सीणं रुप्पिणिप्पामोक्खाणं बत्तीसे महिलासाहस्सीणं अणंगसेणापामोक्खाणं अणेगाणं गणियासहस्सीणं अण्णेसिं च बहणं ईसर-तलवर जावसत्थवाहपभिईणं वेयड्ढगिरि-सागरपेरंतस्स य दाहिणड्ढ भरहस्स बारवईए नयरीए आहेवच्चं जाव पालेमाणे विहरइ ।
[६४] तत्थ णं बारवईए नयरीए थावच्चा नाम गाहावइणी परिवसइ - अड्ढा जाव अपरिभूया, तीसे णं थावच्चाए गाहावइणीए पुत्ते थावच्चापुत्ते नामं सत्थवाहदारए होत्था, सुकुमालपाणिए जाव सुरूवे ।
तए णं सा थावच्चा गाहावइणी तं दारगं साइरेगअट्ठवासजाययं जाणित्ता सोहणंसि तिहिकरण-नक्खत्त-महत्तंसि कलायरियस्स उवणेइ जाव भोगसमत्थं जाणित्ता बत्तीसाए इब्भकुलबालियाणं एगदिवसेणं पाणिं गेण्हावेइ बत्तीसओ दाओ जाव बत्तीसाए इब्भकुलबालियाहिं सद्धिं विपले सद्द-फरिसरस-रूव-गंधे जाव भंजमाणे विहरइ ।
तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहा अरिहनेमी आइगरे तित्थगरे सो चेव वण्णओ दसधणुस्सेहे नीलुप्पल-गवलगुलिय-अयसिकुसुमप्पगासे अट्ठारसहिं समण-साहस्सीहिं चत्तालीसाए अज्जियासाहस्सीहिं सद्धिं संपरिडे पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे जाव जेणेव बारवइ नामं नगरी जेणेव रेवतगपव्वए जेणेव नंदणवणे उज्जाणं जेणेव सुरप्पियस्स जक्खस्स जक्खाययणे जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता अहापडिरूवं ओग्गहं ओगिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ, परिसा निग्गया, धम्मो कहिओ ।
तए णं से कण्हे वासुदेवे इमीसे कहाए लद्धढे समाणे कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ सद्दावेत्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! सभाए सुहम्माए मेघोघरसियं गंभीरमहरसदं कोमुइयं भेरिं तालेह ।
___ तए णं ते कोडुबियपुरिसा कण्हेणं वासुदेवेणं एवं वुत्ता समाणा हद्वतुट्ठा- जाव मत्थए अंजलिं कट्ठ- एवं सामी तह त्ति [आणाए विणएणं वयणं] पडिसुणेति पडिसुणेत्ता कण्हस्स वासुदेवस्स अंतियाओ पडिनिक्खमंति पडिनिक्खमित्ता जेणेव सभा सुहम्मा जेणेव कोमुइया भेरी तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता तं मेघोघरसियं गंभीरं महरसई कोमइयं भेरिं तालेति । तओ निद्ध-महर-गंभीर-पडिसुएणं पिव सारइएणं बलाहएणं अनुरसियं भेरीए, तए णं तीसे कोमुइयाए भेरीए तालियाए समाणीए बारवईए नयरीए नवजोयणवित्थिण्णाए दवालसजोयणायामाए सिंघाडग-तिय-चउक्क-चच्चर-कंदर-दरी-विवर-कहरगिरि-सिहर-नगरगोउर-पासाय-दुवार-भवण-देउल-पडिस्सुया-सयहसहस्स संकुलं करेमाणे बारवत्तिं नयरी सब्भिंतर-बाहिरियं सव्वओ समंता सद्दे विप्पसरित्था ।
तए णं बारवईए नयरीए नवजोयणवित्थिण्णाए बारसजोयणायामाए समदद विजयपामोक्खा दस दसारा जाव गणियासहस्साई कोमईयाए भेरीए सई सोच्चा निसम्म हद्वतुट्ठ-चित्तमाणंदिया जाव ण्हाया आविद्ध-वग्घारिय-मल्लदाम-कलावा अहयवत्थ-चंदणो-किन्नगायसरीरा अप्पेगइया हयगया एवं गयगया रहसीया-संदमाणीगया अप्पेगइया पायविहारचारेणं पुरिसवग्गुरापरिक्खित्ता कण्हस्स वासुदेवस्सस्यक्खंधो-१, अज्झयणं-५
अंतियं पाउब्भवित्था ।
[दीपरत्नसागर संशोधितः]
[45]
[६-नायाधम्मकहाओ]
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