Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Shashtam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
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संजत्ता-नावावाणियगा परिवसंति- अड्ढा जाव बहुजणस्स अपरिभूया, तए णं से अरहण्णगे समणोवास यावि होत्था-अहिगयजीवाजीवे वण्णओ ।
तए णं तेसिं अरहण्णगपामोक्खाणं संजत्ता - नावावाणियगाणं अण्णया कयाइ एगयओ सहियाणं इमेयारूवे मिहोकहा समुल्लावे समुप्पज्जित्ता सेयं खलु अम्हं गणिमं च धरिमं च मेज्जं च पारिच्छेज्जं च भंडगं गहाय लवणसमुद्दे पोयवहणेणं ओगाहित्तए त्ति कट्टु अण्णमण्णस्स एयमट्ठे पडिसुर्णेति पडिसुणेत्ता गणिमं च धरिमं च मेज्जं च पारिच्छेज्जं च भंडगं गण्हंतिं गेण्हित्ता सगडीसागडयं सज्जेंति सज्जेत्ता गणिमस्स धरिमस्स मेज्जस्स पारिच्छेज्जस्स य भंडगस्स सगडीसागडीयं भर्रेति भरेत्ता सोहणंसि तिहि-करण-नक्खत्त-मुहुत्तंसि विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवक्खडावेंति उवक्खडावेत्ता मित्त- नाइ० भोयणवेलाए भुंजावेंति जाव आपुच्छंति आपुच्छित्ता सगडीसागडियं जोयंति सुयक्खंधो-१, अज्झयणं-८
जोइता
चंपाए
नय
मज्झंमज्झेणं निग्गच्छंति निग्गच्छित्ता जेणेव गंभीरए पोयपट्टणे तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता सगडीसागडियं मोयंति, पोयवहणं सज्जेंति सज्जेत्ता गणिमस्स य जाव चउविहस्स भंडगस्स पोयवहणं भरेंति, तंदुलाण य समियस्स य तेलस्स य घयस्स य गुलस्स य गोरसस्स य चउव्विहस्स उदगस्स य भायणाण य ओसहाण य भेसज्जाण य तणस्स य कट्ठस्स य आवरणाण य पहरणाण य अण्णेसिं च बहूणं पोयवहणपाउग्गाणं दव्वाणं पोयवहणंभरेंति, सोहणंसि तिहि-करण - नक्खत्त-मुहुत्तंसि विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवक्खडावेंति उवक्खडावेत्ता मित्त-नाइ - नियग-सयण-संबंधि-परियणं भोयणवेलाए भुंजावेंत भुंजावेत्ता मित्त- जाव परियणं आपुच्छंति जेणेव पोयट्ठाणे तेणेव उवागच्छंति ।
तए णं तेसिं अरहण्णग जाव वाणियगाणं परियणो जाव ताहिं इट्ठाहिं वग्गूहिं अभिनंदंता य अभिसंथुणमाणा य एवं वयासी- अज्ज ताय भाय माउल भाइणेज्ज भगवया समुद्देणं अनभिक्खिज्जमाणाअनभिक्खिज्जमाणा चिरं जीवह भद्दं च भे पुणरवि लद्धट्ठे कयज्जे अणहसमग्गे नियगं घरं हव्वमाग पासामो त्ति कट्टु ताहिं सोमाहिं निद्दाहिं दीहाहिं सप्पिवासहिं पप्पुयाहिं दिट्ठीहिं निरिक्खमाणा मुहुत्तमेत्तं संचिट्ठेति तओ समाणइएस पुप्फबलिकम्मेसु दिन्नेसु सरस-रत्त - चंदण - दद्दर - पंचगुलितलेसु अनुक्ि धूवंसि पूइएसु समु-द्दवाएस संसारियासु बलयासु ऊसिएस सिसु झयग्गेसु पड्डप्पवाइएस तूरेसु जइए सव्वसउणेसु गहिएसु रायवरसासणेसु महया उक्किट्ठ-सीहनाय-जाव रवेणं पक्खुभिय- महासमुद्द-रवभूयं पिव मेइणिं करेमाणा एगिदिसिं वाणियगा नावाए दुरूढा तओ पुस्समाणवो वक्कमुदाहु-हं भो! सव्वेसिमेव भे अत्थसिद्धी उवट्ठियाइं कल्लाणाई पडिगहयाइं सव्वपावाइं जुत्तो पूसो विजओ मुहुत्तो अयं देसकालो, ताओ पुस्समाणवेणं वक्कमुदाहिए हट्ठतुट्ठा कण्णधार - कुच्छिधार गब्भिज्ज-संजत्ता नावावाणियगा वावा-रिसुं तं नावं पुन्नुच्छंगं पुन्नमुहिं बंधणेहिंतो मुंचति ।
तए णं सा नावा विमुक्कबंधणा पवणबल-समाहया ऊसियसिया विततपक्खा इव गरुलजुवई गंगासलिलतिक्ख-सोयवेगेहिं संखुब्भमाणी-संखुब्भमाणी उम्मी-तरंग - मालासहस्साइं समइच्छमाणीसमइच्छमाणी कइवएहिं अहोरत्तेहिं लवणसमुद्दे अणेगाई जोयणसयाई ओगाढा,
तए णं तेसिं अरहण्णगपामोक्खाणं संजुत्ता-नावाणियगाणं लवणसमुद्दे अगाई जोयणसयाइं ओगाढाणं समाणाणं बहूइं उप्पाइयसयाई पाउब्भूयाइं तं जहा अकाले गज्झिए अकाले विज्जुए अकाले थणियसद्दे अब्भिक्खणं-अब्भिक्खणं आगासे देवयाओ नच्चंति, एगं च णं महं तालपिसायं पासंति[दीपरत्नसागर संशोधितः]
[६-नायाधम्मकहाओ]
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