Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Shashtam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 118
________________ भारियत्ताए दलयामि भद्दिया भद्दओ भवेज्जासि, तए णं से दमगपुरिसे सागरदत्तस्स एयमट्ठे पडिसुणेइ पडिसुणेत्ता सूमालियाए दारियाए सद्धिं वासघरं अनुपविसइ सूमालियाए दारियाए सद्धिं तलिमंसि निवज्जइ, तए णं से दमगपुरिसे सूमालियाए इमेयारूवं अंगफासं पडिसंवेदेइ सेसं जहा सागरस्स जाव सयणिज्जाओ अब्भुट्ठेइ अब्भुट्टेत्ता वासघराओ निग्गच्छइ निग्गच्छित्ता खंडमल्लगं खंडघडगं च गाय मारामुक्के विव काए जामेव दिसिं पाउब्भूए तामेव दिसिं पडिगए, तए णं सा सूमालिया जाव गए णं से दमपुरिति कट्टु ओहयमणसंकप्पा जाव झियायइ । [ १६५ ] तए णं सा भद्दा कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए० जाव दासचेडिं सद्दावेइ सद्यावेत्ता एवं वयासी- जाव सागरदत्तस्स एयमहं निवेदेइ, तए णं से सागरदत्ते तहेव संभंते समाणे जेणेव वासघरे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता सूमालियं दारियं अंके निवेसेइ निवेसेत्ता एवं वयासी- अहो णं तुमं पुत्ता! पुरापोराणाणं जाव पच्चणुब्भवमाणी विहरसि, तं मा णं तुमं पुत्ता ! ओहयमणसंकप्पा जाव झियाहि तु णं पुत्ता! मम महाणसंसि विपुलं असणं जहा पुट्टिला जाव परिभाएमाणी विहराहि । तए णं सा सूमालिया दारिया एयमद्वं पडिसुणेइ पडिसुणेत्ता कल्लाकल्लिं महाणसंसि विपुलं असणं० जाव परिभाएमाणी विहरड् तेणं कालेणं तेणं समएणं गोवालियाओ अज्जाओ बहुस्सुयाओ एवं जहेव तेलिणाए सुव्वयाओ तहेव समोसड्ढाओ तहेव संघाडओ जाव अणुपविट्ठे तहेव जाव सूमालिया पडिलाभेत्ता एवं वयासी-एवं खलु अज्जाओ! अहं सागरस्स अणिट्ठा जाव अमणामा नेच्छइ णं सागरए दारए मम नामं जाव परिभोगं वा, जस्स जस्स वि य णं देज्जामि तस्स - तस्स वि य णं अणिट्ठा जाव अमणामा भवामि, सुयक्खंधो-१, अज्झयणं-१६ तुब्भे य णं अज्जाओ बहुनायाओ एवं जहा पुट्टिला जाव उवलद्धपुव्वे जेणं अहं सागरस्स दारगस्स इट्ठा कंता भवेज्जामि | तए णं ताओ अज्जाओ तहेव भणति तहेव साविया जाया तहेव चिंता तहेव सागरदत्तं सत्थवाहं आपुच्छत्ति जाव गोवालियाणं अज्जाणं अंतिए पव्वइया, तए णं सा सूमालिया अज्जा जायाइरियासमिया जाव गुत्तबंभयारिणी बहूहिं चउत्थ-छट्ठट्ठम-जाव विहरइ । त णं सा सूमालिया अज्जा अन्नया कयाइं जेणेव गोवालियाओ अज्जाओ तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता वंदइ नमंसइ वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी- इच्छामि णं अज्जाओ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाया समाणी चंपाए नयरीए बाहिं सुभूमिभागस्स उज्जाणस्स अदूरसामंते छछट्टेणं अनिक्खित्तेणं तवोकम्मेण सूराभिमुही आयावेमाणी विहरत्तए । तणं ताओ गोवालियाओ अज्जाओ सूमालियं अज्जं एवं वयासी- अम्हे णं अज्जो ! समणीओ निग्गंथीओ ईरियासमियाओ जाव गुत्तबंभचारिणीओ नो खलु अम्हं कप्पड़ बहिया गामस्स वा जाव सण्णिवेसस्स वा छटुंछटेणं जाव विहरत्तिए कप्पड़ णं अम्हं अंतो उवस्सयस्स वइपरिक्खितस्स संघाडिबद्धिये णं समतलपड्याए आयावेत्तए, तए णं सा सूमालिया गोवालियाए एयमहं नो सद्दहइ नो पत्तियइ नो रोएइ एयमट्ठ असद्दहमाणी अपत्तियमाणी अरोयमाणी सुभूमिभागस्स उज्जाणस्स अदूरसामंते छछट्टेणं जाव विहरइ । [१६६] तत्थ णं चंपाए ललिया नाम गोट्ठी परिवसइ, नरवइ दिन्नवियारा अम्पापियइ निययनिप्पिवासा वेसविहार-कय-निकेया नाणाविह अविणयप्पहाणा अड्ढा जाव अपरिभूया । [दीपरत्नसागर संशोधितः ] [117] [६-नायाधम्मकहाओ]

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