Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Shashtam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
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तए णं से कच्छल्लनारए उदगपरिफोसियाए दब्भोवरिपच्चत्थ्याए भिसियाए निसीयइ निसीइत्ता पंडुराय-रज्जे य जाव अंतेउरे य कुसलोदंतं पुच्छइ, तए णं से पंडू राया कोंती देवी पंच य पंडवा कच्छुल्लनारयं आढ़ति जाव पज्जुवासंति ।
___ तए णं सा दोवई देवी कच्छुल्लनारयं अस्संजयं अविरयं अप्पडिहयपच्चक्खायपावक्कमंति कट्ट नो आढाइ नो परियाणइ नो अब्भुढेइ नो पज्जुवासइ ।
[१७५) तए णं तस्स कच्छल्लनारयस्स इमेयारूवे अज्झत्थिए चिंतिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समप्पज्जित्था-अहो णं दोवई देवी रूवेणं जाव लावण्णेण य पंचहिं पंडवेहिं अनबद्धा समाणी मम नो आढाइ जाव नो पज्जुवासइ, तं सेयं खलु मम दोवईए देवीए विप्पियं करेत्तए त्ति कट्ठ एवं संपेहेइ संपेहेत्ता पंडुरायं आपुच्छड़ आपुच्छित्ता उप्पयणिं विज्जं आवाहेइ आवाहेत्ता ते उक्किट्ठिए जाव विज्जाहरगईए लवणसमुई मज्झमज्झेणं पुरत्थाभिमुहे वीईवइउं पयत्ते यावि होत्था ।
तेणं कालेणं तेणं समएणं घायइसंडे दीवे पुत्थिमद्ध-दाहिणड्ढ-भरहवासे अवरकंका नाम रायहाणी होत्था, तत्थ णं अवरकंकाए रायहाणीए पउमनाभे नामं राया होत्था-महयाहिमवंत० वण्णओ, तस्स णं पउमनाभस्स रण्णो सत्त देवीसयाइं ओरोहे होत्था, तस्स णं पउमनाभस्स रण्णो सुनाभे नाम पत्ते जुवरायावि होत्था, तए णं से पउमनाभे राया अंतो अंतेउरंसि ओरोह-संपरिवडे सीहासणवरगए विहरइ
तए णं से कच्छुल्लनार जेणेव अवरकंका रायहाणी जेणेव पउमनाभस्स भवणे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता पउमनाभस्स रण्णो भवणंसि झत्तिं वेगेणं समोवइए, तए णं से पउमनाभे राया कच्छल्लनारयं एज्जमाणं पासइ पासित्ता आसणाओ अब्भुढेइ अब्भुढेत्ता अग्घेणं जाव आसणेणं उवनिमंतेइं, तए णं से कच्छुल्लनारए उदगपरिफोसियाए दब्भोवरपच्चत्थुयाए भिसियाए निसीयइ जाव कुसलोदंतं आपुच्छइ ।
तए णं से पउमनाभे राया नियगओरेहे जायविम्हए कच्छल्लनारयं एवं वयासी-तुम देवाणुप्पिया बहूणि गामाणि जाव गिहाइं अनुपविससि, तं अत्थियाइं ते कहिंचि देवाणुप्पिया! एरिसए ओरोहे दिहपुव्वे जारिसए णं मम ओरोहे? तए णं से कच्छुल्लनारए पउमनाभेणं एवं वुत्ते समाणे ईसिं विहसियं करेइ करेत्ता एवं वयासी- सरिसे णं तुमं पउमनाभा! तस्स अगडदडुरस्स के णं देवाणप्पिया से अगडदडुरे? एवं जहा मल्लिणाए एवं खलु देवाणुप्पिया! जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे हत्थिणाउरे नयरे दुपयस्स रण्णो ध्या चलणीए देवीए अत्तया पंडस्स सण्हा पंचण्हं पंडवाणं भारिया दोवई नामं देवी रूवेण य जाव उक्किट्ठसरीरा दोवईए णं देवीए छिन्नस्सवि पायंगुट्ठस्स अयं तव ओरोहए सयंपि कलं न अग्घइ त्ति जाव कट्ठ पउमनाभं आपुच्छइ आपुच्छित्ता जामेव दिसिं पाउब्भूए तामेव दिसिं पडिगए | सुयक्खंधो-१, अज्झयणं-१६
तए णं से पउमनाभे राया कच्छुल्लनारयस्स अंतिए एयमहँ सोच्चा निसम्म दोवईए देवीए रूवे य जोवण्णे य लावण्णे य मच्छिए गढिए गिद्धे अज्झोववण्णे जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छड़ उवागच्छित्ता पोसहसालं जाव पव्वसंगइयं देवं एवं वयासी- एवं खलु देवाणप्पिया! जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे हत्थिणाउरे जाव सरीरा तं इच्छामि णं देवाणप्पिया! दोवइं देविं इह हव्वमाणीयं ।
तए णं से पव्वसंगइए देवे पउमनाभं एवं वयासी-नो खल देवाणप्पिया! एयं भूयं वा भव्वं वा भविस्सं वा जण्णं दोवई देवी पंच पंडवे मोत्तुणं अण्णेणं परिसेणं सद्धिं उरालाई जाव विहरिस्सइ,
[दीपरत्नसागर संशोधितः]
[125]
[६-नायाधम्मकहाओ]
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