Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Shashtam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

View full book text
Previous | Next

Page 97
________________ स्यक्खंधो-१, अज्झयणं-१३ संपण्णा णं ते ईसरपभियओ कयत्था णं ते ईसरपभियओ कयपन्ना णं ते ईसरपभियओ कयलक्खाणा णं जेसिं णं रायगिहस्स बहिया बहओ वावीओ पोक्खरिणीओ जाव सरसरपंतियाओ जत्थ णं बहुजणो ण्हाइ य पियइ य पाणियं च संवहइ, तं सेयं खल मम कल्लं पाउप्पभायाए जाव सेणियं रायं आपच्छित्ता रायगिहस्स बहिया उत्तरपत्थिमे दिसीभागे वेब्भारपव्वयस्स अदूरसामंते वत्थुपाढगरोइयंसि भूमिभागंसि जाव नंदं पोक्खरिणिं खणावेत्तए त्ति कट्ट एवं संपेहेइ संपेहेत्ता कल्लं पाउप्पभायाए जाव पोसहं पारेइ पारेत्ता बहाए कयबलिकम्मे मित्त-नाइ-जाव संपरिवुड़े महत्थं जाव पाहुडं गेण्हइ गेण्हित्ता जेणेव सेणिए राया तेणेव उवागच्छइ जाव पाहडं उवट्ठवेइ उवट्ठवेत्ता एवं वयासी इच्छामि णं सामी! तब्भेहिं अब्भणण्णाए समाणे रायगिहस्स बहिया जाव खणावेत्तए, अहासुहं देवाणुप्पिया! तए णं से नंदे सेणिएणं रण्णा अब्भणुण्णाए समाणे हद्वतुढे रायगिहं मज्झंमज्झेणं निग्गच्छइ निग्गच्छित्ता वत्थुपाढय-रोइयंसि भूमिभागंसि नंदं पोक्खरिणिं खणावेउं पयत्ते यावि होत्था । तए णं सा नंदा पोक्खरणी अनुपुव्वेणं खम्ममाणा-खम्ममाणा पोक्खरणी जाया यावि होत्था-चाउक्कोणा समतीरा अनुपुव्वं सुजायावप्पसीयलजला संछन्नपत्त-बिस-मुणाला बहुउप्पल-पउमकुमुदनलिण-सुभग-सोगंधिय-पुंडरीय-महापुंडरीयसयपत्त-सहस्स-पत्त-पप्फुल्लकेसरोववेया परिहत्थ-भमंतमच्छप्पय अणेग-सउणगण-मिहुण-वियरिय-सटुन्नइय-महुरसरनाइया पासाईया दरिसणिज्जा अभिरूवा पडिरूवा । तए णं से नंदे मणियारसेट्ठी नंदाए पोक्खरिणीए चउदिसिं चत्तारि वणसंडे रोवावेइ, तए णं ते वणसंडा अनपव्वेणं सारक्खिज्जामाणा संगोविज्जमाणा संवड़ढिज्जमाणा य से वणसंडा जा जाव महामेह-निउरंबभूया पत्तिया पप्फिया जाव उवसोभेमाणा-उवसो-भेमामा चिट्ठति । तए णं नंदे पुरथिमिल्ले वणसंडे एगं महं चित्तसभं कारावेइ-अणेगखंभसयसण्णिविटुं पासाईयं० तत्थ णं बहुणि किण्हाणि य जाव सक्किलाणि य कट्ठकम्माणि य पोत्थकम्माणि य चित्तलेप्प-गंथिम-वेढिम-पूरिम-संघाइमाइं उवदंसिज्जमाणाइं-उवदंसिज्जमाणाई चिट्ठति तत्थ णं बहुणि आसणाणि य सयणाणि य अत्थ्य-पच्चत्थ्याई चिट्ठति, तत्थ णं बहवे नडा य नट्टा य जाव दिन्नभइभत्त-वेयणा तालायरकम्मं करेमाणा करेमाणा विहरंति रायगिहविणिग्गओ एत्थ णं बहुजणो तेसु पुवन्नत्थेसु आसणसयणेसु सण्णि-सण्णो य संतुयट्टो य सुयमाणो य पेच्छमाणो य साहेमाणो य सुहंसुहेणं विहरइ । तए णं नंदे मणइयारसेट्ठी दाहिणिल्ले वणसंडे एगं महं महाणससालं कारावेइअणेगखंभसण्णिविढे जाव पडिरूवं तत्थ णं बहवे परिसा दिन्नभइ-भत्तवेयणा विउलं असण-पाण-खाइमसाइमं उवक्खडेंति बहणं समण-माहण-अतिहि-किवण-वणीमगाणं परिभाएमाणा-परिभाएमाणा विहरंति | तए णं नंदे मणियारसेट्ठी पच्चत्थिमिल्ले वणसंडे एगं महं तिगिच्छयसालं कारावेइअणेगखंभसयसण्णिविढे जाव पडिरूवं, तत्थ णं बहवे वेज्जा य वेज्जपुत्ता य जाणुया य जाणुयपुत्ता य कुसला य कुसलपुत्ता य दिन्नभइ-भत्त-वेयणा बहणं वाहियाण य गिलाणाण य रोगियाण य दुब्बलाण य तेइच्छकम्मं करेमाणा विहरंति, अण्णे य एत्थ बहवे परिसा दिन्नभइ भत्त-वेयणा तेसिं बहणं वाहियाण य गिलाणाण य रोगियाण य दुब्बलाण य ओसह-भेसज्ज-भत्तपाणेणं पडियारकम्मं करेमाणा विहरंति । सुयक्खंधो-१, अज्झयणं-१३ [दीपरत्नसागर संशोधितः] [96] [६-नायाधम्मकहाओ]

Loading...

Page Navigation
1 ... 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159