Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Shashtam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 45
________________ तए णं ते पावसियालगा जेणेव से दोच्चे कुम्मए तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता तं कुम्मगं सव्वओ समंता उव्वत्र्त्तेति जाव दंतेहि य अक्खोडेंति नो चेव णं संचाएंति तस्स कुम्मस्स सरीरस्स किंचि आबाहं वा वाबाहं वा उप्पाइत्तए वा करेत्तए । तए णं ते पावसियालगा तं कुम्मगं दोच्चंपि तच्चंपि उव्वत्र्त्तेति जाव नो संचायति तस्स कुम्मगस्स सरीरस्स किंचि आबाहं वा वाबाहं वा जाव छविच्छेयं वा करेत्तए ताहे संता तंता परितंता निव्विण्णा समाणा जामेव दिसं पाउब्भूया तामेव दिसं पडिगया । तए णं से कुम्मए ते पावसियालए चिरंगए दूरंगए जाणित्ता सणियं-सणियं गीवं नीणेइ नीत्ता दिसावलोयं करेइ करेत्ता जमगसमगं चत्तारि वि पाए नीणेइ नीणेत्ता ताए उक्किट्ठाए जाव कुम्मगईए वीई-वयमाणे-वीईवयमाणे जेणेव मयंगतीरद्दहे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता मित्त-नाइनियग-सयण-संबंधि-परियणेणं सद्धिं अभिसमण्णागए यावि होत्था । एवामेव समणाउसो जो अम्हं समणो वा समणी वा आयरिय उवज्झायाणं अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए समाणे पंच य से इंदियाइ गुत्ताइं भवंति जाव जहा व से कुम्म तं । त्ति बेमि । ० एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं चउत्थस्स नायज्झयणस्स अयमट्ठे पन्नत्ते • पढमे सुयक्खंधे चउत्थं अज्झयणं समत्तं • मुनि दीपरत्नसागरेण संशोधितः सम्पादित्तश्च चउत्थं अज्झयणं समत्तं • पंचमं अज्झयणं- सेलगे • ० [ ६३ ] जइ णं भंते समणेणं भगवया महावीरेणं चउत्थस्स नायज्झयणस्स अयमट्ठे पन्नत्ते पंचमस्स णं भंते नायज्झयणस्स के अट्ठे पन्नत्ते? एवं खलु जंबू तेणं कालेणं तेणे समएणं बारवती नामं नयरी होत्था-पाईणपडीणायया उदीणदाहिणवित्थिण्णा नवजोयणवित्थिण्णा दुवालसजोयणायामा धणवइ-मइ-निम्मिया चामीयर-पवरपागारा नाणामणि- पंचवण्ण-कविसीसग-सोहिया अलका-पुरि-संकासा पमुइय पक्कीलिया पच्चक्खं देवलोगभूया तीसे णं बारवईए नयरीए बहिया उत्तपुरत्थिमे दिसीभाए रेवतगे नामं पव्व होत्था-तुंगे गगणतलमणुलिहंतसिहरे नाणाविहगुच्छ - गुम्म - लया - वल्लि - परिगए हंस - मिग- मयूर - कोंच-सारस-चक्कवायमयणसाल-कोइलकुलो-ववेए अणेगतड- कडक - वियर उज्जर-पवायपब्भारसिहरपउरे अच्छरगण देवसंघ-चारणविज्जा-हरमिहुण-संविचिण्णे निच्चच्छणए दसारवर-वीरपुरिस-तेलोक्कबलवगाणं सोमे सुभगे पियदंसणे सुरूवे पासाईए दरिसणीए अभिरुवे पडिरूवे । तस्स णं रेवयगस्स अदूरसामंते एत्थ णं नंदनवणे नामं उज्जाणे होत्था, सव्वोउय- पुप्फफल-समिद्धे रम्मे नंदणवणप्पगासे पासाईए दरिसणीए अभिरूवे पडिरूवे । तस्स णं उज्जाणस्स बहुमज्झदेसभाए सुरप्पिए नामं जक्खाययणे होत्था, दिव्वे वण्णओ सुयक्खंधो-१, अज्झयणं-५ तत्थ णं बारवईए नयरीए कण्हे नामं वासुदेवे राया परिवसइ, से णं तत्थ समुद्दविजयपामोक्खाणं दसहं दसाराणं बलदेवपामोक्खाणं पंचण्हं महावीराणं उग्गसेणपामोक्खाणं सोलसण्हं राईसाहस्सीणं पज्जुन्न[दीपरत्नसागर संशोधितः] [६-नायाधम्मकहाओ] [44]

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