Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Shashtam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
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सयक्खंधो-१, अज्झयणं-५
महया-महया सद्देणं उग्घोसेमाणा-उग्घोसेमाणा उग्घोसणं करेह- एवं खल देवाणप्पिया! थावच्चापत्ते संसारभउव्विग्गे भीए जम्मण-जर-मरणाणं इच्छड अरहओ अरिद्वनेमिस्स अंतिए मंडे भवित्ता पव्वइत्तए तं जो खलु देवाणुप्पिया! राया वा जुवराया वा देवी वा कुमारे वा ईसरे वा तलवरे वा कोडुबिय-माइंबियइब्भ-सेहि-सेणावइ-सत्थवाहे वा थावच्चापुत्तं पव्वयंतमणुपव्वयइ तस्स णं कण्हे वासुदेवे अनुजाणइ पच्छाउरस्स वि य से मित्त-नाइ जाव जोगखेम-वट्टमाणी पडिवहइ त्ति कट्ट धोसणं धोसेह जाव धोसंति
तते णं थावच्चापुत्तस्स अनुराएणं पुरिससहस्सं निक्खमणाभिमुहं पहायं सव्वालंकारविभूसियं पत्तेयं-पत्तेयं पुरिससहस्सवाहिणीसु सिबियासु दुरूढं समाणं मित्त-नाइ-परिवुडं थावच्चापुत्तस्स अंतियं पाउब्भूयं ।
___ तए णं से कण्हे वासुदेवे पुरिससहस्सं अंतियं पाउब्भवमाणं पासइ पासित्ता कोडुबियपुरिसे सद्दावेइ सद्दावेत्ता एवं वयासी- जहा मेहस्स निक्खमणाभिसेओ तहेव सेयापीएहिं पहावेति जाव अरहओ अरिहनेमिसस् छत्ताइछत्तं पड़ागाइपडागं पासंति पासित्ता विज्जाहरचारणे जाव पासित्ता सीयाओ पच्चोरूहइ।
तए णं से कण्हे वा सुदेवे थावच्चापुत्तं पुरओ काउं जेणेव अरहा अरिट्ठनेमि सव्वं तं चेव आभरणं० ।
तए णं सा थावच्चा गाहावइणी हंसलक्खणेणं पडसाडएएणं आभरण-मल्लालंकारं पडिच्छड़ हार-वारिधार-सिंदुवापर-छिन्नमुत्तावलि-प्पगासाइं अंसूणि विणिम्मुयमाणी-विणिम्मुयमाणी जाव एवं वयासी- जइयव्वं जाया! घडियव्वं जाया! परक्कमियव्वं जाया! अस्सिं च णं अढे नो पमाएयव्वं जामेव दिसिं पाउब्भूया तामेव दिसिं पडिगया,
तए णं से थावच्चापत्ते रिससहस्सेहिं सद्धिं सयमेव पंचमट्ठियं लोयं करेइ करेत्ता जेणामेव अरहा अरिट्ठनेमि तेणामेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता अरहं अरिट्ठनेमिं दि क्खुत्तो आयाहिण-पयाहिणं करेइ करेत्ता वंदइ नमसइ जाव पव्वइए ।
तए णं से थावच्चापत्ते अणगारे जाए- ईरियासमिए भासासमिए जाव विहरइ ।
तए णं से थावच्चापत्ते अरहओ अरिट्ठ-नेमिस्स तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाझ्याई चोद्दसपुव्वाई अहिज्जइ अहिज्जित्ता बहूहिं [चउत्थ-छट्ठम-दसम-दुवालसेहिं मासद्धमासखमणेहिं अप्पाणं भावेमाणे] विहरइ ।
तए णं अरहा अरिहनेमि थावच्चापुत्तस्स अणगारस्स तं इन्भाइयं अणगारसहस्सं सीसत्ताए दलयइ ।
तए णं से थावच्चापुत्ते अण्णया कयाइं अरहं अरिहनेमि वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी-इच्छामि णं भंते तुब्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे अहासुहं तए णं से थावच्चापुत्ते अणगारसहस्सेणं सद्धिं बहिया जणवयविहारं विहरइ ।
[६६] तेणं कालेणं तेणं समएणं सेलगपुरे नामं नगरे होत्था, सुभूमिभागे उज्जाणे, सेलए राया, पउमावई देवी, मंडए कुमारे जवराया तस्स णं सेलगस्स पंथगपामोक्खा पंच मंतिसया० होत्थाउप्पत्तियाए वेणइयाए कम्मियाए पारिणामियाए उववेया रज्जधुरं चिंतयंति ।
[दीपरत्नसागर संशोधितः]
[47]
[६-नायाधम्मकहाओ]
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