Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Shashtam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 43
________________ मयूर - जिणदत्तपुत्तस्स एयमहं पडिसुर्णेति तं मयूर - पोयगं गेण्हंति जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छंति तं पोगगं जाव नट्टुल्लगं च सिक्खावेंति । तए णं से मयूर-पोयए उम्मुक्क-बालभावे विण्णय-परिणयमेत्ते जोव्वणगमणुपत्ते लक्खणवंजण-गुणोववे माणुम्माणप्पमाण- पडिपुन्नपक्ख-पेहुणकलावे विचित्तपिच्छे सतचंद नीलकंठ नच्चणसीलए एगाए चप्पुडियाए कयाए समाणीए अणेगाई नदुल्लगसयाई केकारवसयाणि य करेमाणे विहरइ तए णं ते मयूर-पोसगा तं मयूर-पोयगं उम्मुक्कबालभावं जाव केकाइयसयाणि य करेमाणं पासित्ता णं तं मयूर-पोयगं गेण्हंति गेण्हित्ता जिणदत्तपुत्तस्स उवर्णेति । तए णं से जिणदत्तपुत्ते सत्थवाहदारए मयूर-पोयगं उम्मुक्कबालभावं जावं केकाइयसयाणि य करेमाणं पासित्ता हट्ठतुट्ठे तेसिं विपुलं जीवियारिहं पीइदाणं दलयइ दलइत्ता पडिविसज्जेइ । तणं से मयूर-पोयगं जिणदत्तपुत्तेणं एगाए चप्पुडियाए कयाए समाणीए नंगोला-भंगसिरोधरे सेयावंगे ओयारियं पइण्णपक्खे उक्खित्तचंद काइय-कलावे केक्काइयसयाणि मुंचमाणे नच्चइ | तए णं से जिणदत्तपुत्ते तेणं मयूर - पोयएणं चंपाए नयरीए सिंघाडग - जाव पहेसु सहि य साहस्सिएहि य सयसा - हस्सिएहि य पणिएहिं जयं करेमाणे विहरइ एवामेव समणाउसो जो अम्हं निग्गंथो वा निग्गंथी वा आयरिय-उवज्झायाणं अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए समाणे पंचमहव्वएसु छज्जीवनिकाएस निग्गंथे पावयणे निसकिए निक्कंखिए निव्वितिगिंछे से णं इहभवे चेव बहूण समणाणं बहूणं समणीणं जाव वीईवइस्सइ एवं खलु जंबू समणेणं भगवया महावीरेणं आइगरेणं तित्थगरेणं जाव सिद्धिगइनामधेज्जं ठाणं संपत्तेणं तच्चस्स नायज्झणस्स अयमट्ठे पन्नत्तेति बेमि । • पढमे सुयक्खंधे तइअं अज्झयणं समत्तं • मुनि दीपरत्नसागरेण संशोधितः सम्पादित्तश्च तइअं अज्झयणं समत्तं चउत्थं अज्झयणं- कुम्मे • [६२] जइ णं भंते! समणेणं भगवया महावीरेणं तच्चस्स नायज्झयणस्स अयमट्ठे पन्नत्ते चउत्थस्स णं भंते! नायज्झयणस्स के अट्ठे पन्नत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं वाणारसी नामं नयरी होत्था वण्णओ, तीसे णं वाणारसीए नयरीए बहिया - उत्तरपुरत्थिमे दिसीभाए गंगाए महानई मयंगतीरद्दहे नाम दहे होत्था, अनुपुव्वसुजायवप्प-गंभीरसीयलजले अच्छ - विमल - सलिल-पलिच्छण्णे संछण्णंपत्त- पुप्फ- पलास बहुउप्पल-पउम-कुमुय-नलिण- सुभग- सोगंधिय-पुंडरीय महापुंडरीय सयपत्तसहस्सपत्त- केसरपुप्फोवचिए पासाईए दरिसणिज्जे अभिरूवे पडिरूवे तत्थ णं बहूणं मच्छाण य कच्छभाण य गाहाण य मगराण य सुंसुमाराण य सयाणि य सहस्साणि य सयसहस्साणि य जूहाई निब्भयाइं निरु सुयक्खंधो-१, अज्झयणं-४ ० O [दीपरत्नसागर संशोधितः ] व्विग्गाइं सुहंसुहेणं अभिरममाणाइं- अभिरममाणाइं विहरंति, तस्स णं मयंगतीरद्दहस्स अदूरसामंते एत्थ महंगे मालकच्छ होत्था-वण्णओ, तत्थ णं दुवे पावसियालगा परिवसंति- पावा चंडा रुद्दा तल्लिच्छा साहसिया लोहियपाणी आमिसत्थी आमिसाहरा आमिसप्पिया आमिसलोला आमिसं गवेसमाणा रत्तिवियाल चारिणो दिया पच्छन्नं या वि चिट्ठति । o [42] [६-नायाधम्मकहाओ]

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