Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Shashtam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

View full book text
Previous | Next

Page 41
________________ आसियसम्मज्जिओ-वलित्तं सुगंध जाव कलियं करेह करेत्ता अम्हे पडिवालेमाणा-पडिवालेमाणा चिट्ठह जाव चिट्ठति । ___ तए णं ते सत्तवाहदारगा दोच्चंपि कोडुंबियपुरिसे सद्दावेंति सद्दावेत्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! लहुकरण-जुत्त-जोइयं समखुर-वालिहाण-समलिहिय-तिक्खग्गसिंगएहिं रययामय-घंटसुत्तरज्जु-पवरकंचण खचिय-नत्थपग्गहोग्गहियएहिं नीलुप्पलकयामेलएहिं पवर-गोण-जुवाणएहिं नाना-मणिरयण-कंचण-घंहियाजालपरिक्खित्तं पवरलक्खणोववेयं जुत्तामेव पवहणं उवणेह, ते वि तहेव उवणेति तए णं ते सत्थवाहदारगा बहाया जाव सरीरा पवहणं दुरुहंति दुरुहित्ता जेणेव देवदत्ताए गणियाए गिहे तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता पवहणाओ पच्चोरुहंति पच्चोरुहित्ता देवदत्ताए गणियाए गिहं अनप्पविसंति । तए णं सा देवदत्ता गणिया ते सत्थवाहदारए एज्जमाणे पासइ पासित्ता हद्वट्ठा आसणाओ अब्भुढेइ अब्भुटेत्ता सत्तट्ठपयाई अनुगच्छड़ अनुगच्छित्ता ते सत्थवाहदारए एवं वयासी-संदिसंत् णं देवाणुप्पिया! किमिहागमणप्पओयणं? तए णं ते सत्थवाहदारगा देवदत्तं गणियं एवं वयासि इच्छामो णं देवाणुप्पिए! तुमे सद्धिं सुभूमि भागस्स उज्जावास्स उज्जाणसिरिं पच्चणुब्भवमाणा विहरित्तए तए णं सा देवदत्ता तेसिं सत्थवाहदारगाणं एयमद्वं पडिसणेइ पडिसणेत्ता ण्हाया कयकिच्चा किं ते पवर जाव सिरी-समाणवेसा जेणेव सत्थवाहदारगा तेणेव समागया । तए णं ते सत्थवाहदारगा देवत्ताए गणियाए सद्धिं जाणं दुरुहंति दुरिहित्ता चपाए नयरीए मज्झंमज्झेणं जेणेव सभूमिभागे उज्जाणे जेणेव नंदा पोक्खरिणी तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता पवहणाओ पच्चोरुहंति पच्चोरुहित्ता नंदं पोक्खरिणिं ओगाहेंति ओगाहेत्ता जलमज्जणं करेंति करेत्ता जलकिड्डं करेंति करेत्ता ण्हाया देवदत्ताए सद्धिं नंदाओ पोक्खरिणीओ पच्चत्तरंति जेणेव थूणामंडवे तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता थूणामंडवं अनुप्पविसंति अनुप्पविसित्ता सव्वालंकार-भूसिया आसत्था वीसत्था सुहासणवरगया देवदत्ताए सद्धिं तं विपुलं असणं-पाणं-खाइम-साइमं धूव-पुप्फ-वत्थ-गंध-मल्लालंकारं आसाएमाणा विसाएमाणा परिभाएमाणा परिभुजेमाणा एवं च णं विहरंति, जिमिय-भुत्तुत्तरगया वि य णं समाणा देवदत्ताए सद्धिं विपुलाई कामभोगाइं भुंजमाणा विहरति ।। [५८] तए णं ते सत्थवाहदारगा पुव्वारण्हकालसमयंसि देवदत्ताए गणियाए सद्धिं थूणामंडवाओ पडिणिक्खंमति पडिणिक्खमित्ता हत्थसंगेल्लीए सुभूमिभागे उज्जाणे बहूसु आलिघरएसु य [कयलिघरएसु य लतारघरएसु अच्छणघरएसु य पेच्छघरएसु य पसाहणघरएसु य मोहणघरएसु य सालघरएसु य जालघरएसु य] कुसुमघरएसु य उज्जाणसिरिं पच्चणब्भवमाणा विहरंति । [५९] तए णं ते सत्थवाहदारगा जेणेव से माल्याकच्छए तेणेव पहारेत्थ गमणाए, तए णं सुयक्खंधो-१, अज्झयणं-३ सा वणमयूरी ते सत्थवाहदारए एज्जमाणे पासइ पासित्ता भीया तत्था महया-महया सद्देणं केकारेवं विणिम्मुयमाणी-विणिम्मुयमाणी मालुयाकच्छओ पडिणिक्खमइ पडिणिक्खमित्ता एगसि रुक्खडालयंसि ठिच्चा ते सत्थवाहदारए माल्याकच्छंग च अणिमिसाए दिट्ठीए पेच्छमाणी चिट्ठइ । तए णं ते सत्थवाहदारगा अण्णमण्णं सद्दावेंति सद्दावेत्ता एवं वयासी- जहा णं देवाणप्पिया एसा वणमयूरी अम्हे एज्जमाणे पासित्ता भीया तत्था तसिया उव्विग्गा पलाया महया-महया सद्देणं जाव अम्हे माल्याकच्छयं च अणिमिसाए दिट्ठीए पेच्छमाणी चिट्ठइ तं भवियव्वमेत्थ कारणेणं ति कट्ट [दीपरत्नसागर संशोधितः] [40] [६-नायाधम्मकहाओ]

Loading...

Page Navigation
1 ... 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159