Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Shashtam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

View full book text
Previous | Next

Page 36
________________ एवं खलु देवाप्पिया मम पुत्ते भद्दाए भारियाए अत्तए देवदिन्ने नामं दारए इट्ठे जाव उंबरपुप्फं पिव दुल्लहे सवणयाए किमंग पुण पासणयाए ? तए णं सा भद्दा देवदिन्नं हायं सव्वालंकारविभूसियं पंथगस्स हत्थे दलाइ जाव पायवडिए तं मम निवेदेइ तं इच्छामि णं देवाणुप्पिया! देवदिन्नस्स दारगस्स सव्वओ समंता मग्गण - गवेसणं कयं, तए णं ते नगरगोत्तिया धणेणं सत्थवाहेणं एवं वुत्ता समाणा सण्णद्ध-बद्ध-वम्मिय-कवया उप्पीलिय-सरासण-वट्टिया जाव गहिया- उह-पहरणा धणेणं सत्थवाहेणं सद्धिं रायगिहस्स नगरस्स बहुसु अइगमणेसु य जाव पवासु य मग्गण - गवेसणं करेमाणा रायगिहाओ नगराओ पडिनिक्खमंति पडिनिक्खमित्ता जेणेव जिण्णुज्जाणे जेणेव भग्गकूवए तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता देवदिन्नस्स दारगस्स सरीरगं निप्पाणं निच्चेदं जीवविप्पजढं पासंति पासित्ता हा हा अहो अकज्जमित्ति कट्टु देवदन्नं दारगं भग्गकूवाओ उत्तारेंति धणस्स सत्थवाहस्स हत्थे दलयंति । [५० ] तणं ते नगरगुत्तिया विजयस्स तक्करस्स पयमग्गमणुगच्छमाणा जेणेव मालुया-कच्छए तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता मालुयाकच्छगं अनुप्पविसंति अनुप्पविसित्ता विजयं तक्करं ससक्खं सहोढं सगेवेज्जं जीवग्गाहं गेण्हंति गेण्हित्ता अट्ठि- मुट्ठि-जाणुकोप्पर-पहार-संभग्ग-महियगत्तं करेंति करेत्ता अवउडा बंधणं करेंति करेत्ता देवदिन्नस्स दारगस्स आभरणं गेण्हंति गेण्हित्ता विजयस्स तक्करस्स गीवाए बंधति बंधित्ता मालुयाकच्छगाओ पडिणिक्खमंति पडिनिक्खमित्ता जेणेव रायगिहे नयरे तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता रायगिहं नयरं अनुप्पविसंति अनुप्पविसित्ता रायगिहे नरे सिंघाडग-तिग-चउक्क-चच्चर - चउम्मुह - महापहपहेसु कसप्पहारे य छिवापहारे य लयापहारे य निवाएमाणानिवाएमाणा छारं च धूलिं च कयवरं च उवरिं पकिरमाणा-पकिरमाणा महया - महया सद्देणं उग्घोसेमाणा एवं वयंति एस णं देवाणुप्पिया विजए नामं तक्करे जाव गिद्धे विव आमिसभक्खी बालघायए बालमारए, तं नो खलु देवाणुप्पिया! एयस्स केइ राया वा रायपुत्ते वा रायमच्चे वा अवरज्झइ एत्थट्टे अप्पणो सयाइं कम्माइं अवरज्झति त्ति कट्टु जेणामेव चारगसाला तेणामेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता हडि सुयक्खंधो-१, अज्झयणं-२ बंधणं करेंति करेत्ता भत्तपाणनिरोहं करेंति करेत्ता तिसंझं कसप्पहारे य छिवापहारे य लयापहारे य निवाएमाणा विहरंति तए णं से धणे सत्थवाहे मित्तनाइ - नियग-सयण-संबंधि-परियणेणं सद्धिं रोयमाणे [कंदमाणे] विलवमाणे देवदिन्नस्स दारगस्स सरीरस्स महया इड्ढीसक्कार - समुद्दएणं नीहरणं करेति करेत्ता बहूइं लोइयाइं मयगकिच्चाई करेति करेत्ता केणइ कालंतरेणं अवगयसोए जाए यावि होत्था । [५१] तए णं से धणे सत्थवाहे अण्णया कयाइं लहुसयंसि रायावराहंसि संपलित्ते जाए यावि होत्था, तए णं से नगरगुत्तिया धणं सत्थवाहं गेण्हंति गेण्हित्ता जेणेव चारए तेणेव उवागच्छंत उवागच्छित्ता चारगं अनुप्पवेसंति अनुप्पवेसित्ता विजएणं तक्करेणं सद्धिं एयगओ हडिबंधणं करेंति । तणं सा भद्दा भारिया कल्लं जाव जलते विपुलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवक्खडेड् (२) भोयणपिडयं करेइ करेत्ता भोयणाइं पक्खिवइ लंछिय - मुद्दियं करेइ करेत्ता एगं च सुरभिं वारिपन्निं दगवारयं करेइ करेता पंथयं दासचेडयं सद्दावेइ सद्यावेत्ता एवं वयासी - गच्छह णं तुमं देवाणुप्पिया इमं विपुलं असणं पाणं खाइमं साइमं हाय चारगसालाए धणस्स सत्थवाहस्स उवणेहि । [दीपरत्नसागर संशोधितः] [35] [६-नायाधम्मकहाओ]

Loading...

Page Navigation
1 ... 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159