Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Shashtam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

View full book text
Previous | Next

Page 35
________________ [४८] तए णं से पंथए दासचेडए देवदिन्नस्स दारगस्स बालग्गाही जाए, देवदिन्नं दारगं कडीए गेण्हइ गेण्हित्ता बहहिं डिभएहिं य डिभियाहि य दारएहिं य दारियाहि य कुमारएहि य कुमारियाहि य सद्धिं संपरिवडे अभिरमइ । तए णं सा भद्दा सत्थवाही अण्णया कयाइ देवदिन्नं दारयं ण्हायं कयबलिकम्मं कय-कोउयमंगल-पायच्छित्तं सव्वालंकारविभूसियं करेइ करेत्ता पंथयस्स दासचेडगस्स हत्थयंसि दलयइ । तए णं से पंथए दासचेडए भद्दाए सत्तवाहीए हत्थाओ देवदिन्नं दारगं कडीए गेण्हिइ गेण्हित्ता सयाओ गिहाओ पडिनिक्खमइ बहहिं डिभएहिं य डिभियाहि य जाव कुमारएहि य कुमारियाहि य सद्धिं संपरिवडे जेणेव रायमग्गे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता देवदिन्नं दारगं एगते ठावेइ ठावेत्ता बहहिं डिभएहि य जाव कुमारियाहि य सद्धिं संपरिवूडे पमत्ते यावि विहरइ । इमं च णं विजए तक्करे रायगिहस्स नगरस्स बहूणि अइगमणाणि य निग्गमणाणि य वाराणि य अववाराणि य तहेव जाव सुन्नघराणि य आभोएमाणे मग्गेमाणे गवेसमाणे जेणेव देवदिन्ने दारए तेणेव उवागच्छड़ उवागच्छित्ता देवदिन्नं दारगं सव्वालंकारविभूसियं पासइ पासित्ता देवदिन्नस्स दारगस्स आभरणालंकारेस् मच्छिए गढिए गिद्धे अज्झोववण्णे पंथयं दासचेडयं पमत्तं पासइ पासित्ता दिसालोयं करेइ करेत्ता देवदिन्न दारगं गेण्हइ गेण्हित्ता कक्खंसि अल्लियावेइ अल्लियावेत्ता उत्तरिज्जेणं पिहेइ पिहेत्ता सिग्घं तुरियं चवलं चेइयं रायगिहस्स नगरस्स अवद्दारेणं निग्गच्छड़ निग्गच्छित्ता जेणेव जिण्णुज्जाणे जेणेव भग्गकूवए तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता देवदिन्नं दारयं जीवियाओ ववरोवेइ ववरोवेत्ता आभरणालंकारं गेण्हइ गेण्हित्ता देवदिन्नस्स दारगस्स सरीरं निप्पाणं निच्चेटुं जीवविप्पजढं भग्गकवए पक्खिवइ पक्खिवित्ता जेणेव माल्याकच्छए तेणेव उवागच्छड़ उवागच्छित्ता माल्याकच्छयं अनप्पविसइ अनप्पविसित्ता निच्चले निप्पंदे तसिणीए दिवसं खवेमाणे चिट्ठइ । ___ [४९] तए णं से पंथए दासचेडए तओ मुहुत्तंतरस्स जेणेव देवदिन्ने दारए ठविए तेणेव स्यक्खंधो-१, अज्झयणं-२ उवागच्छइ उवागच्छित्ता देवदिन्नं दारगं तंसि ठाणंसि अपासमाणे रोयमाणे कंदमाणे विलवमाणे देवदिन्नस्स दारगस्स सव्वओ समंता मग्गण-गवेसणं करेइ देवदिन्नस्स दारगस्स कत्थइ सुई वा खुइं वा पउत्तिंवा अलभमाणे जेणेव सए गिहे जेणेव धणे सत्थवाहे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता धणं सत्यवाहं एवं वयासी- एवं खल सामी भद्दा सत्थवाही देवदिन्नं दारयं ण्हायं जाव सव्वालंकारविभूसियं मम हत्थंसि दलयइ तए णं अहं देवदिन्नं दारयं कडीए गिण्हामि गिण्हित्ता जाव मग्गण-गवेसणं करेमि तं न नज्जइ णं सामी! देवदिन्ने दारए केणइ नीते वा अवहिते वा अक्खित्ते वा- पायवडिए धणस्स सत्थवाहस्स एयमढें निवेदेइ । तए णं से धणे सत्थवाहे पंथस्स दासचेडगस्स एयमढे सोच्चा निसम्म तेणं य महया पुत्तसोएणाभिभूए समाणे परस्-नियत्ते व चंपगपायवे धसत्ति धरणीयलंसि सव्वंगेहिं सण्णिवइए तए णं से धणे सत्थवाहे तओ मुहुत्तरस्स आसत्थे पच्चागयपाणे देवदिन्नस्स दारगस्स सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं करेइ देवदिन्नस्स दारगस्स कत्थइ सुई वा खुइं वा पउत्तिं वा अलभामाणे जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छद उवा-गच्छित्ता महत्थं पाहडं गेण्हइ गेण्हित्ता जेणेव नगरगत्तिया तेणेव उवागच्छड़ उवागच्छित्ता तं महत्थं पाहुडं उवणेइ उवणेत्ता एवं वयासी [दीपरत्नसागर संशोधितः] [34] [६-नायाधम्मकहाओ]

Loading...

Page Navigation
1 ... 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159