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५ श्रेष्ठ वस्तुनी जिज्ञासा करवी एज आत्मानी श्रेष्ठता
छे कदापि ते जिज्ञासा पार न पडी तोपण जिज्ञासा ते पण ते ज अशवत् छे ६ नवा कम बाघवा नही अने जूना भोगधो लेवा, एवी
जेनी अचळ जिससा छे ते, त प्रमाण वर्ती शके छ ७ जे कृत्यनु परिणाम धर्म नयी, ते वृत्य मूठथी ज
करवानी इच्छा रहेका देवी जोईती नथी । ८ मन जो शाशील थई गय होय तो 'द्रव्यानुयोग विचारयो योग्य छ, प्रमादी थई गयु होय हो 'चरणवरणानुयोग' विचारवो योग्य छ, अने कपायी पई गयु होय तो 'धर्मक्यानुयोग' विचारवो योग्य छ, जह पई गय होय तो गणितानुयोग' विचारयो
योग्य छ ९ कोई पण कामनी निराशा इच्छवी, परिणामे पछी
जेटली सिद्धि यई तेस्रो लाम, आम करयाथी सतोषी
रहेवाने १. पृथ्वी मवधी क्लेश पाय तो एम समजी लेजे पे ते
साये आववानी नथी, कल्टो हुने देह आपी जवानो