________________
१० परीक्षित राजाने शुकदेवजीए एज उपदेश पर्यो छ ११ अनत बाळ सुधी जीव निज छदे चालो परिश्रम करे
घोपण पोते पोताथी मान पामे नही परतु पानीनी
आनानो आराधक असमुंहूतमा पण केवळज्ञान पामे १२ शास्त्रमा कहेली आशामो पराक्ष छ भने ते जीवने
अधिकारी थवा माटे कही छे, मोक्ष थवा माटे
शानीनी प्रत्यक्ष आना माराधवी जोईए १३ आ मानमागनी थेणी कही, ए पाम्या विना वीजा
मागपी मोक्ष नथी ...१४ ए गुप्त तत्त्वने जे आराधे छ, त प्रत्यक्ष अमृतने पामी अभय पाय छे इति शिवम्
____ मुबई, माह सुद, १९४७
(२४)
पुराणपुरुषने नमोनम • आ लाद त्रिविध तापथी मामुळल्याकुळ छ झासवाना पाणीने लेवा दोडी तुपा छिपाक्वा हन्छे छे, एवा दोन छ अज्ञानने सोधे स्वस्मनु विस्मरण भई अदापो भयार