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(चोपाई) , होर पुग्घसस्थाो बहो,
एनो भेद तमे वई P ? एन पारण समज्या मार्ग, दे समजाय्यानी पशुराई ? ' शरीर पग्पी ए उप-श, जान पाने के उद्देश, जेम जणावा सुणीए हम,
का तो साईश दर्दए ग २ २ शु परयापी पोत गुम्धी ?
पु करवापी पोत दुखा? पोते शु? पर्यापी छे आप
एनो मागा नीघ्र जवाप । ३.ज्या थवा त्या गण गंताप,
का नहि स्थाप, रिया उत्तम ज्ञान,
। गुरु भगयान १