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सहज जे पुस्य मा ग्यमा सहन नोव करे हे, ते पुरुष मारे प्रयम सहज ते ज पुरुष लसे हे.
तेनी हमणा एयी दगा अतरगमा रही छे के गांक विना सर्व मंसारी इच्छानी पण तेणे विस्मृति करी नाली छ.
ते काईक पाम्यो पण छे, मने पूर्णनो परम मुमुदु छे, छेला मागंनो नि शंक जिज्ञासु छे.
हमणा जे आवरणो तेने उदय माव्या छ, ते आवरणोथी एने खेद नयी, परंतु वस्तुभावमा यती मंदतानो खेद छे. ___ ते धर्मनी विधि, अर्थनी विधि, कामनी विधि, अने तेने आधार मोक्षनी विधिने प्रकाशी शके तेवो छे. घणा
ज थोडा पुरुषोने प्राप्त थयो हो एवो ए काळनो 'क्षयोपशमी पुरुष छे.
तेने पोतानी स्मृति माटे गर्व नथी, तक माटे गर्व नथी; तेम ते माटे तेनो पक्षपात पण नथी; तेम छता कंईक बहार राखवू पडे छे, तेने माटे खेद छे.