Book Title: Shatkhandagama Pustak 12
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
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पृष्ठ
( १५ ) विषय
पृष्ठ | विषय ज्ञानावरणके समान दर्शनावरण और
उसके मोहनीय वेदना कालकी अपेक्षा अन्तरायकी मुख्यतासे सन्निकर्षके
कैसी होती है इसका विचार जाननेकी सूचना
४६३ ज्ञानाबरणके समान दर्शनावरण और जिसके वेदनीयवेदना द्रव्यकी अपेक्षा
अन्तरायकी मुख्यतासे सन्निकर्ष जघन्य होती है उसके ज्ञानावरण,
जाननेकी सूचना दर्शनावरण, मोहनीय और अन्त
जिसके वेदनीय वेदना कालकी अपेक्षा रायकी वेदना द्रव्यकी अपेक्षा कैसी
जघन्य होती है उसके ज्ञानावरण, होती है इसका विचार
दर्शनावरण, मोहनीय और अन्तराय उसके आयुवेदना द्रव्यकी अपेक्षा कैसी वेदना कालकी अपेक्षा कैसी होती है होती है इसका विचार
इसका विचार उसके नाम और गोत्र वेदना द्रव्यकी
उसके आयु, नाम और गोत्र वेदना अपेक्षा कैसी होती है इसका विचार ४६४
कालकी अपेक्षा कैसी होती है इसका
विचार वेदनीयके समान नाम और गोत्रकी
४७० मुख्यतासे सन्निकर्षके जानने की सूचना ४६५
वेदनीयके समान आयु, नाम और गोत्रकी जिसके मोहनीय वेदना द्रव्यकी अपेक्षा
मुख्यतासे सन्निकर्ष जाननेकी सूचना ४७१
जिसके मोहनीय वेदना कालकी अपेक्षा जघन्य होती है उसके आयुके सिवा शेष छह कोंकी वेदना द्रव्यकी।
जघन्य होती है उसके सात कर्मोकी अपेक्षा कैसी होती है इसका विचार ४६५ | वेदना कालकी अपेक्षा कैसी होती है उसके आयुवेदना द्रव्यकी अपेक्षा कैसी
इसका विचार होती है इसका विचार
जिसके ज्ञानावरणीय वेदना भावकी अपक्षा
४६५ जिसके आयुवेदना द्रव्यकी अपक्षा जघन्य
जघन्य होती है उसके दर्शनावरण होती है उसके शेष सात कर्मोंकी
और अन्तराय वेदना भावकी अपेक्षा वंदना द्रव्यकी अपेक्षा कैसी होती है
कैसी होती है इसका विचार
४७१ इसका विचार
४६६ | उसके वेदनीय, आयु, नाम और गोत्रवेदना जिसके ज्ञानावरणीय वेदना क्षेत्रकी अपेक्षा भावकी अपेक्षा कैसी होती है इसका जघन्य होती है उसके शेष सात
विचार कर्मोंकी वेदना क्षेत्रकी अपेक्षा कैसी
उसके मोहनीयवेदना भावकी अपेक्षा कैसी होती है इसका विचार
होती है इसका विचार
४६८ ज्ञानावरणके समान शेष सात कर्मोकी
ज्ञानावरणके समान दर्शनावरण और मुख्यतासे क्षेत्रकी अपेक्षा सन्निकर्षके
अन्तरायकी मुख्यतासे सन्निकर्ष जाननेकी सूचना
जाननेकी सूचना जिसके ज्ञानावरणीय वेदना कालकी
जिसके वेदनीयवेदना भावकी अपेक्षा अपेक्षा जघन्य होती है उसके दर्शना- जघन्य होती है उसके ज्ञानावरणीय, वरण और अन्तरायवेदना कालकी
दर्शनावरणीय मोहनीय और अन्तअपेक्षा कैसी होती है इसका विचार ४६६
रायवेदना भावकी अपेक्षा कैसी होती उसके वेदनीय, आयु, नाम और गोत्र
है इसका विचार
४७३ वेदना कालकी अपेक्षा कैसी होती
उसके आयु, नाम और गोत्रवेदना भावकी है इसका विचार
४६६ - अपक्षा कसा होता ह
। अपक्षा कैसी होती है इसका विचार ४७३
४७३
४६९
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