Book Title: Shatkhandagama Pustak 12
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati

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Page 21
________________ ४४६ विषय - पृष्ठ विषय ज्ञानावरणीयके समान आयुके सिवा शेष जिसके ज्ञानावरणीय वेदना भावकी अपेक्षा छह कर्मोके जाननेकी सूचना उत्कृष्ट होती है उसके दर्शनावरण, मोहनीय जिसके आयुवेदना द्रव्यकी अपेक्षा उत्कृष्ट और अन्तरायवेदना भावकी अपेक्षा कैसी होती है उसके सात कर्मोंकी वेदना होती है इसका विचार ४५५ कैसी होती है इसका विचार ४४८ उसके वेदनीय, आयु, नाम और गोत्र जिसके ज्ञानावरणीयवदना क्षेत्रकी अपेक्षा वेदना भावकी अपेक्षा कैसी होती है उत्कृष्ट होती है उसके दर्शनावरण, इसका विचार ४५५ मोहनीय और अन्तरायकर्मकी वेदना इसी प्रकार दर्शनावरणीय, मोहनीय और क्षेत्रकी अपेक्षा कैसी होती है इसका अन्तरायकी मुख्यतासे जाननेकी सूचना ४५६ विचार जिसके वेदनीयवेदना भावकी अपेक्षा उत्कृष्ट उसके वेदनीय, आयु, नाम और गोत्र होती है उसके ज्ञानावरण, दर्शनावरण और कर्मकी वेदना क्षेत्रकी अपेक्षा कैसी होती अन्तराय वेदना भावकी अपेक्षा कैसी होती है इसका विचार ४४६ है इसका विचार इसीप्रकार दर्शनावरण, मोहनीय और अन्त- उसके मोहनीय वेदना भावकी अपेक्षा रायकी अपेक्षा जाननेकी सूचना ४५० कैसी होती है इसका विचार ४५७ जिसके वेदनीयवेदना क्षेत्रकी अपेक्षा उत्कृष्ट उसके आयुवेदना भावकी अपेक्षा कैसी होती है उसके ज्ञानावरण, दर्शनावरण, होती है इसका विचार ४५८ मोहनीय और अन्तरायकीवेदना उसके नाम और गोत्रवेदना भावकी अपेक्षा क्षेत्रकी अपेक्षा कैसी होती है इसका कैसी होती है इसका विचार ४५६ विचार ४५० इसी प्रकार नाम और गोत्रकी मुख्यतासे उसके आयु, नाम और गोत्रकी वेदना जाननेकी सूचना ४५६ क्षेत्रकी अपेक्षा कैसी होती है इसका जिसके आयुवेदना भावकी अपेक्षा उत्कृष्ट विचार ४५० होती है उसके सात कर्मोकी वेदना इसी प्रकार आयु, नाम और गोत्रकी भावकी अपेक्षा कैसी होती है इसका अपेक्षा सन्निकर्षका विचार विचार ४५६ जिसके ज्ञानावरणीय वेदना कालकी अपेक्षा परस्थान वेदना सन्निकर्षके कथन करनेकी उत्कृष्ट होती है उसके आयुके सिवा छह सूचना कर्मोंकी वेदना कालकी अपेक्षा कैसी जिसके ज्ञानावरणीयवेदना द्रव्य की अपेक्षा होती है इसका विचार ४५१ जघन्य होती है उसके दर्शनावरण और उसके आयुवेदना कालकी अपेक्षा कैसी अन्तरायकी वेदना द्रव्यकी अपेक्षा कैसी होती है इसका विचार ४५२ होती है इसका विचार ४६० इसी प्रकार आयुके सिवा छह कर्मोकी उसके वेदनीय, नाम और गोत्रवेदना द्रव्य मुख्यतासे सन्निकर्षके जाननेकी सूचना ४५३ की अपेक्षा कैसी होती है इसका विचार जिसके आयुवेदना कालकी अपेक्षा उत्कृष्ट उसके मोहनीयवेदना द्रव्यंकी अपेक्षा कैसी होती है उसके सात कर्मोंकी वेदना होती है इसका विचार कालकी अपेक्षा कैसी होती है इसका | उसके आयुवदना द्रव्यकी अपेक्षा कैसी विचार ४५३ । होती है इसका विचार ४६२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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