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पृ० १८८ श्लोक ८ की प्रथम पंक्ति में 'ललित' और 'विनात भव्य'
के बीच एक अक्षर त्रुटित है। ,, १६४ पार्श्वनाथ शृङ्गाटक बद्ध स्तवन' के ८३ पद्य की तीसरी
पंक्ति में ललनं' और 'विधारिरिक्त' के बीच में एक
अक्षर त्रुटित है। ,, २४७ 'अइमत्ता मुनिगीत' के सवा दो पद्यों के बाद के पद्य
नहीं मिले हैं। ,, ३३२ 'चुलणी भास' के पद्य ३॥ से ४॥ नहीं मिले हैं। , ३४१ राजुल रहनेमि गीतम् ' के पद्य ५ की अन्तिम दूसरी
पंक्ति का छूटा हुआ अंश त्रुटित है। ,, ३७१ 'जिनचन्द्रसूरि छन्द' के तीसरे छन्द की तीसरी पंक्ति
टित है। ,, ३७८ 'जिनसिंहसूरि प्रालीजा गीत' गाथा १० के बाद टित है। ,, ३८४ जिनसिंहसूरि गीत' के गीत नं०७ की गाथा नं० १ का
मध्यवर्ती अंश त्रुटित । ४०३ 'जिनसिंहसूरि गीत' नं० ३२ गाथा ४॥ के बाद त्रुटित । ,, ४०७ 'जिनसागरसूरि अष्टक' तीसरे श्लोक की अंतिम पंक्तित्रु०, ,, ४४८ 'कर्मनिर्भरा गीत' चौथी गाथा की दूसरी पंक्ति त्रुटित ।
४५५ 'तुर्ग वीसामा गीत' दूसरी गाथा की तीसरी पंक्ति त्रुटित। ,, ४७३ 'ऋषि महत्व गीत' दूसरी गाथा की अंतिम पंक्ति प्राप्त नहीं। ,, ४७६ 'हित शिक्षा गीत' ७ वें पद्य की दूसरी पंक्ति त्रुटित । ,, ४८७ 'आहार ४७ दूषण सज्झाय' गाथा ३६ की अन्तिम पंक्ति
के कुछ अक्षर त्रुटित। , ५०० फुटकर श्लोकों में सं०१ की अन्तिम और अन्त्य श्लोक
को प्रत्येक पंक्ति का प्रारम्भिक अंश ऋटित । "६१६'नानाविधकाव्यजातिमयं नेमिनाथ स्तवनम्' के प्रार
म्भिक ६॥ श्लोक त्रुटित ।
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