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लग्न के अनुसार रत्न धारण का विचार
रत्न धारण करने से जो ग्रह बलवान होता है, उसके बल का लाभ किस विषय में मनुष्य को प्राप्त होता है, इस बात का समाधान उस ग्रह की कुण्डली में आधिपत्य द्वारा किया जाना चाहिए।
जिन भावों का वह बलान्वित किया हुआ ग्रह स्वामी होगा, रत्न धारण करने से वह बल पाएँगे और फलस्वरूप व्यक्ति को उन भावों का फल आदि पुष्ट और स्थायी रूप में प्राप्त होगा। जैसे मेष लग्न वाला व्यक्ति यदि पुखराज धारण करेगा, तो उससे उसका नवम् भाव और उसका स्वामी गुरु बल पाएँगे, जिसके परिणामस्वरूप उसके सम्बन्ध राज्याधिकारियों से सुधर जाएँगे और वह अधिक राज्यकृपा का पात्र बन जाएगा। उसकी उन्नति के मार्ग में आने वाली सभी बाधाओं का निराकरण हो जाएगा। धर्मों-कर्मों में रुचि बढ़ेगी। विभिन्न लग्नों में विविध रत्न धारण करने से किन-किन वस्तुओं की उपलब्धि होती है, इसका विवरण निम्न प्रकार से समझ लें
मेष लग्न १. मंगल-आयु तथा स्वास्थ्य में वृद्धि, बुद्धि, धन, यश आदि सभी की
वृद्धि करेगा। २. शक्र-धन तथा व्यापार, स्त्री (पत्नी) की आय तथा उसके स्वास्थ्य
एवं विद्या की वृद्धि करेगा। वाणी के विकार नष्ट होंगे। ३. बुध-अकाल मृत्यु से रक्षा होगी। ऋणी नहीं रहने देगा तथा स्वास्थ्य
को सुधारेगा। ४. चन्द्र-माता के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी रहेगा। जनता में लोकप्रियता
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