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* रत्न उपरत्न और नग नगीना ज्ञान * धारण करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यदि बुध अकेला है और शनि राहु से प्रभावित है, तो फिर पन्ने द्वारा बलान्वित किए जाने पर
जीवन के अनेक क्षेत्र में लाभ होगा। ४. शुक्र-सुख में वृद्धि होगी। वाहनादि की प्राप्ति होगी। जनता का
सहयोग प्राप्त होगा। मन में उल्लास बढ़ेगा। मंगल-मंगल योगकारक रूप से बलवान होकर धन, पदवी, मान देगा। सूझबूझ में वृद्धि करेगा। पिता के धन और भाग्य में वृद्धि होगी। राज्यकृपा अधिक मात्रा में प्राप्त होगी। धन, सम्मान और सुख प्राप्त
होगा। ६. गुरु-धन और सम्मान में वृद्धि होगी। सुख में भी वृद्धि होगी। शत्रुओं
से सन्धि की दिशा में प्रगति होगी। ७. शनि-यदि कुण्डली में शनि पीड़ित हो और आयु के ह्रास का प्रश्न
हो, तो शनि को बलवान किया जाना लाभदायक है, इससे अनेक क्षेत्रों में लाभ होगा। कर्क लग्न वालों के लिए मोती व मूंगा का प्रयोग लाभप्रद होगा।
सिंह लग्न १. सूर्य- इस राशि में सूर्य लानेश बनता है। सूर्य के बलवान होने से धन,
आयु, स्वास्थ्य की आपूर्ति, सभी दिशाओं में उन्नति होगी। २. बुध-धन, आयु और विद्या में वृद्धि होगी। भाषण-कला में वृद्धि होगी
तथा सूद से आय बढ़ेगी। ३. शुक्र-आयु तथा मान में वृद्धि होगी। मित्रों से अत्यधिक सम्पर्क
बढ़ेंगे। ४. मंगल-भाग्य में वृद्धि होगी, राज्याधिकारियों की ओर से सहयोग
प्राप्त होगा और पदोन्नति होगी। ५. गुरु-पुत्र, धन और भाग्य में वृद्धि होगी। ६. शनि-स्वास्थ्य और आयु की वृद्धि होगी। व्यापार में उन्नति होगी,
किन्तु धन के मामले में अधिक आशा नहीं रखनी चाहिए।
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