Book Title: Ratna Upratna Nag Nagina Sampurna Gyan
Author(s): Kapil Mohan
Publisher: Randhir Prakashan Haridwar

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Page 178
________________ ★ रत्न उपरत्न और नग नगीना ज्ञान ★ १७७ क्योंकि इस रोग का सीधा सम्बन्ध शुक्र से है, इसीलिए शुक्र का रत्न हीरा सफेद रंग का धारण करना हितकारी होता है। मलेरिया मलेरिया रोग से लगभग सभी परिचित हैं। मच्छर द्वारा काटे जाने से होने वाला यह सामान्य रोग है, जिसका आरम्भ तेज ठण्ड लगने के साथ होता है तथा तथा रोगी को कंपकंपी के साथ तीव्र ज्वर हो जाता है। इस रोग में शरीर कमजोर पड़ जाता है। अधिकांशत: यह रोग गर्मी तथा बरसात के मौसम में ज्यादा फैलता है। यह ज्वर ५-६ दिनों के अन्तराल में उतर जाता है। क्लोरोक्विन इस रोग की प्रभावकारी औषधि है। ज्योतिषीय विचार-यदि सूर्य तुला, मकर या धनु राशि का हो और मंगल कर्क या वृश्चिक का हो या इन राशियों पर दोनों ग्रहों का गोचर हो तो इस रोग की प्रबल सम्भावना होती है। ५ या ६ रत्ती का सच्चा मोती या १०-१२ रत्ती का मूनस्टोन या मूंगा दोनों रत्नों में से कोई भी एक रत्न धारण करना लाभदायक होता अनिद्रा वर्तमान युग के व्यस्त तथा भागदौड़ के जीवन काल में अधिकांशतः लोगों को अनिद्रा की शिकायत बनी रहती है। साधारणत: नींद न आना सामान्य बात है, किन्तु निरन्तर अनिद्रा की अवस्था रहना गम्भीर विषय है। इसके मुख्य कारण अधिक तनाव व चिन्ता हैं। ज्योतिषीय विचार-नींद पर शुक्र का अधिकार है। यदि शुक्र किन्हीं कारणों से पीड़ित होगा तो अनिद्रा की शिकायत प्रबल हो सकती है। फिरोजा, जिरकॉन, श्वेत ओपल तथा मोती धारण करने से लग्न के निकटस्थ ग्रहों की शान्ति हो जाती है। बारहवें भाव के स्वामी का रत्न धारण करने को भी लाभदायक कहा गया है। पीला पुखराज भी धारण किया जा सकता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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