Book Title: Ratna Upratna Nag Nagina Sampurna Gyan
Author(s): Kapil Mohan
Publisher: Randhir Prakashan Haridwar

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Page 146
________________ का नाम | नीला बर्मा, * रत्न उपरत्न और नग नगीना ज्ञान * १४५ रत्न उत्तम | प्रिज्मीय अवधि उच्च श्रेणी के श्रेणी का रंग नगों का कम उद्गम से कम मूल्य स्थान पक्की रत्ती १. माणिक्य |बर्मा लाल ४ वर्ष १०,००० रु. २. मोती बसरा नारंगी २ वर्ष १ मास २७ दिन | १०,००० रु.] ३. मूंगा | जापान पीला ३ वर्ष ३ दिन ५०० रु. ४. पुखराज ब्राजील आसमानी | ४ वर्ष ४ माह १८ दिन | ५,००० रु. ५. पन्ना कोलम्बिया |हरा ३ वर्ष । ५,००० रु. ६. हीरा ब्राजील, |४ वर्ष ४ माह १८ दिन | १०,००० रु. | द. अफ्रीका ७. नीलम | कश्मीर, बैंगनी ५ वर्ष ५,००० रु. बर्मा ८. गोमेद कत्थई ३ वर्ष ५०० रु. श्रीलंका ९. लहसुनिया | श्रीलंका, |३ वर्ष ५०० रु. ब्राजील नोट : इस्तेमाल किया हुआ रत्न आप बेच सकते हैं या फिर उसके बदले नया रत्न ले सकते हैं। परन्तु तैयार उत्तम श्रेणी के व्यावसायिक हीरे बेल्जियम व इजराईल में मिलते हैं। ८. उपरोक्त वर्णन के अनुसार हल्के स्तर के नग नकली नहीं होते बल्कि कम रेट वाले नग आम उपभोक्ता के खर्च करने की क्षमता के अनुसार होते हैं । इतने बढ़िया किस्म के नग आपको बहुत बड़े-बड़े शोरूमों पर उपलब्ध होते हैं। ये हल्के स्तर के नग नहीं रखते। ऐसे शोरूमों में उच्च कोटि व उच्च कीमत के नग मिलते हैं। ९. यह एक आम भ्रामक व गलत धारणा है कि नग को त्वचा से छूते रहना आवश्यक है जबकि यह जरूरी नहीं है। वैज्ञानिकों ने सिद्ध कर दिया है कि पत्थर है, अन्तर इतना है कि सड़क के पत्थर को हम ठोकर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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