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रत्न खरीदते समय सावधानियाँ
इस संदर्भ में ध्यान देने योग्य बातें निम्न प्रकार से हैं
१. आप कितने रुपए खर्च करना चाहते हैं ।
२. नग - नगीने दिन-प्रतिदिन महँगे होते जा रहे हैं । इनका सोने-चाँदी की तरह प्रतिदिन का भाव नहीं होता। एक नग का मूल्य अलग-अलग व्यापारियों की नजर में अलग-अलग होता है अर्थात् नग का मूल्य व्यक्ति की अपनी समझ के अनुसार ही होगा ।
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३. लाभ में घटिया व बढ़िया नग में १९ - २१ अन्तर पड़ता है । यदि एकदम बढ़िया नग का असर तेज व बहुत बढ़िया मिलता हो तो आप यह याद रखें कि कोई भी माँ-बाप अपने बच्चों के लिए या फिर स्वयं के लिए बढ़िया नग ही खरीदना चाहेंगे। चाहे रुपए उधार लेकर ही लेना पड़े। ४. यदि हम रत्नों की प्रिज्म से परीक्षा करें तो उनका असली रंग निम्न तरह से दीखेगा जिसको रत्न शरीर के अन्दर पहुँचाता है। (देखें तालिका) ५. रत्नों को पहनने की अवधि होती है । यदि उस अवधि से भी लम्बी अवधि तक पहनना हो तो आपको निर्धारित अवधि के पश्चात् वैसा नग दुबारा खरीदकर धारण करना पड़ेगा अन्यथा नग की कार्यक्षमता (केवल आप पर) कम हो जाएगी। (देखें तालिका)
६. पुस्तक में वर्णित रंग व क्वालिटी के हिसाब से कम से कम मूल्य निम्नलिखित होंगे। (देखें तालिका)
७. रत्न का नाम, उत्तम श्रेणी का उद्गम स्थान, प्रिज्मीय रंग, अवधि एवं उच्च श्रेणी के नगों का न्यूनतम मूल्य पक्की रत्ती में निम्न तालिका में दिया गया है
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