Book Title: Prakrit Path Chayanika Ucchatar Pathyakram
Author(s): B L Institute of Indology
Publisher: B L Institute of Indology

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Page 20
________________ 18 प्राकृत पाठ-चयनिका 8. अत्ता तह रमणिज्जं अह्म गामस्स मण्डणीहूअम् / लुअतिलवाडिसरच्छिं सिसिरेण कअं भिसिणिसण्डम् / / 8 / / 9. किं रुअसि ओणअमुही धवलाअन्तेसु सालिछेत्तेसु / हरिआलमण्डिअमुही णडि व्व सणवाडिआ जाआ // 9 // 10. सहि ईरिसि व्विअ गई मा रुव्वसु तिरिअवलिअमुहअन्दम् / एआण बालबालुङ्कितन्तुकुडिलाण पेम्माणम् / / 10 / / 11. पाअपडिअस्स पइणो पुष्टुिं पुत्ते समारुहत्तम्मि / दढमण्णुदुण्णिआएँ वि हासो धरिणी' णेक्कन्तो // 11 // 12. सच्चं जाणइ दटुं सरसम्मि जणम्मि जुज्जए राओ / मरउ ण तुमं भणिस्सं मरणं वि सलाहणिज्जं से // 12 //

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