Book Title: Prakrit Path Chayanika Ucchatar Pathyakram
Author(s): B L Institute of Indology
Publisher: B L Institute of Indology

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Page 21
________________ सेतुबन्धे वर्षावर्णनम् 1. णमह अवड्डिअतुझं अवसारिअवित्थअं अणोणअगहिरम् / अप्पलहुअपरिसहूं अणाअपरमत्थपाअडं महुमहणम् // 1 // 2. दणुएन्दरुहिरलग्गे जस्स फुरन्ते णहप्पहाविच्छड्डे / गुप्यन्ती विवलाआ गलिअ व्व थणंसुए महासुरलच्छी // 2 // 3. पीणत्तणदुग्गेझं जस्स भुआअन्तणिट्टरपरिग्गहिअम् / रिट्ठस्स विसमवलिअं कण्ठं दुःखेण जीविअं बोलीणम् // 3 // 4. ओआहिअमहिवेढो जेण परूढगुणमूललद्धत्थामो / उम्मूलन्तेण दुमं पारोहो व्व खुडिओ महेन्दस्स जसो // 4 // 5. णमह अ जस्स फुडरवं कण्ठच्छाआघडन्तणअणग्गिसिहम् / फुरइ फुरिअट्टहासं उद्धपडित्ततिमिरं विअ दिसाअक्कम् // 5 // 6. वेवइ जस्स सविडिअं वलिउं महइ पुलआइअत्थणअलसम् / पेम्मसहावविमुहिअं वीआवासगमणूसुअं वामद्धम् // 6 // 7. जस्स विलग्गन्ति णहं फुडपडिसद्दा दिसाअलपडिक्खलिआ / जोण्हाकल्लोला विअ ससिधवलास रअणीस हसिअच्छेआ // 7 //

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