Book Title: Prakrit Path Chayanika Ucchatar Pathyakram
Author(s): B L Institute of Indology
Publisher: B L Institute of Indology
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________________ 74 प्राकृत पाठ-चयनिका तयाणन्तरं च णं अब्भङ्गणविहिपरिमाणं करेइ। “नन्नत्थ सयपागसहस्सपागेहिं तेल्लेहिं, अवसेसं अब्भङ्गणविहिं पच्चक्खामि 3" // 25 // तयाणन्तरं च णं उव्वदृणविहिपरिमाणं करेइ। “नन्नत्थ एगेणं सुरहिणा गन्ध-वट्टएणं, अवसेसं उव्वट्टणविहिं पच्चक्खामि 3" // 26 // तयाणन्तरं च णं मज्जणविहिपरिमाणं करेइ। “नन्नत्थ अट्ठहिं उट्टिएहिं उदगस्स घडएहिं, अवसेसं मज्जणविहिं पच्चक्खामि 3" // 27 //
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