Book Title: Prakrit Path Chayanika Ucchatar Pathyakram
Author(s): B L Institute of Indology
Publisher: B L Institute of Indology

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Page 116
________________ कर्पूरमञ्जरी (प्रथम जवनिकान्तर) राजशेखर विरचित 1. णीसासा हारलट्ठीसरिसपसरणा चन्दणं फोडकारी चन्दो देहस्स दाहो सुमरणसरिसी हाससोहा मुहम्मि / अङ्गाणं पण्डुभाओ दिअहससिकलाकोमलो किं च तीए णिच्चं बाहप्पवाहा तुह सुहअ किदे होन्ति कुल्लाहिं तुल्ला // 10 // 2. परं जोला उहा गरलसरिओ चन्दणरसो / खदक्खारो हारो रअणिपवणा देहतवणा / मुणाली बाणाली जलदि अ जलद्दा तणुलदा / वरिट्ठा जं दिट्ठा कमलवअणा सा सुणअणा // 11 // 3. णिसग्गचङ्गस्स वि माणुसस्स सोहा समुम्मीलदि भूसणेहिं / मणीण जच्चा] वि कश्चणेहिं विहसणे सज्जदि कावि लच्छी // 24 // 4. रणन्तमणिणेउरं झणझणन्तहारच्छडं कलक्कणिदकिङ्किणीमुहरमेहलाडम्बरम् / विलोलवलआवलीजणिदमञ्जसिञ्जारवं ण कस्स मणमोहणं ससिमुहीअ हिन्दोलणम् // 32 // 5. इअ एआइँ विलासुज्जलाइँ दोलाप्पवञ्चचरिआई / कस्स ण लिहेइ चित्ते णिउणो कन्दप्पचित्तअरो // 40 //

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