Book Title: Prakrit Path Chayanika Ucchatar Pathyakram
Author(s): B L Institute of Indology
Publisher: B L Institute of Indology

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Page 33
________________ अशोक के गिरनार प्रस्तर अभिलेख पंचम अभिलेख धर्ममहामात्र 1. देवानं प्रियो पियदसि राजा एवं आह [1] कलाणं दुकरं [2] यो आदिकरो कल्याणस सो दुकरं करोति [3] 2. त मया बहु कलाणं कतं [4] त मम पुता च पोता च परं च तेन य मे अपचं आव संवटकपा अनुवतिसरे तथा 3. सो सुकतं कासति [5] यो तु एत देसं पि हापेसति सो दुकतं कासति [6] सुकरं हि पापं [7] अतिकातं अंतरं 4. न भूतप्रुवं धंममहामाता नाम [8] त मया त्रैदसवासाभिसितेन धंममहामाता कता [9] ते सव पाषंडेसु व्यापता धंमाधिस्टानाय .............. धंमयुतस च योण-कंबोज-गंधारानं रिस्टिकपेतेणिकानं ये वा पि अंडे अपराता [10] भतमयेसु व 6. ................. सुखाय धंमयुतानं अपरिगोधाय व्यापता ते [11] बंधनबधस पटि-विधानाय

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