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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
इतिहास संकलन करना शेष रहता है, यदि सभी का सहयोग रहेगा तो इस कमी को पूरी कर मेवाड़ के सभी जैन मंदिरों का इतिहास सुरक्षित रह सकेगा।
प्रस्तुत पुस्तक में उल्लेखित तीर्थो का सर्वेक्षण संकलन कार्य निम्न संस्थाओं, व्यक्तियों से सहयोग प्राप्त हुआ, उनका आभार।
1.श्रीमती सुशीलाबोल्या 2. श्रीमती (डॉ.) विमलाजी दोशी 3.श्री दिलीपजी चौरड़िया 4. श्री श्रीमाल सेठ अचलगच्छीय मूर्तिपूजक श्री संघ, उदयपुर 5. श्री विरेन्द्रकुमारजी सिरोहिया 6. श्री दयालसिंहजी नाहर 7. श्री राजेन्द्र जी दलपतसिंह जी दुग्गड़ 8. श्री भोजराजजी लोढ़ा 9.श्रीमती निशी खमेसरा (मुम्बई) 10. श्रीमती नीरू लोढ़ा 11. श्री हीरालाल जी दोशी, सरंक्षाक-श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्री संघ, चित्तौड़गढ़ 12. श्री कन्हैयालालजी महात्मा-श्री सातबीस देवरीजैन श्वेताम्बर मंदिर ट्रस्ट, चित्तौड़गढ़ 13. श्री राजेन्द्र जी कछाला, चित्तौड़गढ़ 14. प. पू. मणिप्रभ विजय जी म. सा. की प्रेरणा से संघवी श्री चम्पालालजी जीवराजजी, नि. गोदन हाल करसापुर (आंध्रप्रदेश) 15. श्री तेजसिंह बोल्या, अध्यक्ष-श्री जैन श्वेताम्बर महासभा, उदयपुर 16. श्री महावीर साधना एवं स्वाध्याय समिति, अम्बामाता, उदयपुर
17. सर्वेक्षण कार्य में श्री हरकलाल जी पामेचा नि. देलवाड़ा का पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ, उनका आभार
जिन आज्ञा से विपरित प्रतीत हो तो मिच्छामी दुक्कड़म्
(मोहनलाल बोल्या)
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