Book Title: Lavechu Digambar Jain Samaj
Author(s): Zammanlal Jain
Publisher: Sohanlal Jain Calcutta

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Page 10
________________ . श्रीलबेचू (लम्क्कञ्चुक) जैन समाज AN PPPETS . FerE इतिहास EPPER अथ च मङ्गलाचरण तथा उद्देश्यनिर्देशवंशवर्णनश्च श्रीमजिनपतिरधिभूः षट्पञ्चाशत्कोटि यादवानांहि लोकत्रयैकपूज्यः सजयतु श्रीनेमिनाथोत्र ॥१॥ श्रीनेमिनाथ पद पङ्कज माभिनम्य जातीय शिक्षण दलो ल्लिखितायमाना श्रीलम्बकञ्चुक शुभान्वय लेखमाला लेलिख्यते शुभवचोभि रलङ्कृतेयम् ॥२॥ लम्बायमान कवचं परिधान योग्यम् वीरोचितं प्रहरणे भुवियस्य वीरः सो लम्बकञ्चुक इति प्रविगीयते ते जातौ भवन्ति पुरुषाः खलुसापिसैव ॥३॥

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