Book Title: Kasaypahudam Part 16
Author(s): Gundharacharya, Fulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
Publisher: Bharatvarshiya Digambar Jain Sangh
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गा० २२५]
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१८७ सगमं। * तं जहा।
१८८ सुगम। * (१७२) प्राविलयं च पविट्ठ पश्रोगसा णियमसा च उदयादी ।
उदयादि पदेसग्गं गुणेण गणणादियंतेण ॥२२५।। $ १८९ पुन्विल्लभासगाहाए उदये दिस्समाणदिज्जमाणपदेसग्गाणं सण्णियासविही भणिदो। एदीए पुण उदयावलियपविट्ठस्स पदेसग्गस्स उदयादिहिदीसु एदेण सरूवेण समवट्ठाणं होदि त्ति एवंविहो अत्थविसेसो णिहिट्ठो, परिप्फुडमेवेत्थ तहाविहत्थणिद्दे सदसणादो । ण च मूलगाहाए एवंविहो अत्थणिद्दे सो ण पडिबद्धो त्ति आसंकणिज्जं; देसामासयभावेण तत्थेवंविहत्थस्स पडिबद्धत्तब्भुवगमादो। तत्थ णिहिट्ठोदीरणसंबंधेण पयदत्थविहासणाए विरोहाभावादो च । ____$ १९० संपहि एदिस्से भासगाहाए किंचि अवयवत्थपरामरसं कस्सामो । तं जहा–'उदयादि' उदयविसेसणा जा आवलिया उदयावलिया त्ति वत्तं होदि । तं पविटुं जं पदेसग्गं पयोगसा पयोगवसेण ओकड्डणापरिणामवसेणे त्ति वुत्तं होदि ! 'णियमसा' णिच्छयेणेव 'उदयादि पदेसग्गं' उदयादो पहुडि तं पदेसग्गं 'गुणेण गणणादि
६ १८७ यह सूत्र सुगम है । * वह जैसे। ६१८८ यह सूत्र सुगम है।
* (१७२) अपकर्षणके कारणभूत परिणामोंके वशसे उदयावलिमें जो प्रदेशपुज प्रविष्ट होता है वह प्रदेशज उदयसमयसे लेकर उदयावलिके अन्तिम समयतक नियमसे असंख्यातगुणा होता है ।। २२५ ॥
६ १८९ पहलों भाष्यगाथाके द्वारा उदयमें दिखनेवाले और दिये जानेवाले प्रदेशपुजकी सन्निकर्षविधि कही। परन्तु इस गाथाद्वारा उदयावलिमें प्रविष्ट हुए प्रदेशपुंजका उदयसे लेकर स्थितियोंमें इसरूपसे अवस्थान होता है, इसप्रकार ऐसा अर्थविशेष यहां कहा गया है क्योंकि उक्त भाष्यगाथामें स्पष्टरूपसे उस प्रकारके अर्थका निर्देश देखा जाता है । मूलगाथामें इस प्रकारका अर्थविशेष प्रतिबद्ध नहीं है ऐसी आशंका करना भी ठीक नहीं है क्योंकि देशामर्षकरूपसे उक्त गाथामें इस प्रकारका अर्थ प्रतिबद्ध है यह स्वीकार किया गया है तथा उक्त गाथामें निर्दिष्टकी गई उदीरणाके सम्बन्धसे प्रकृत अर्थकी विभाषा ( विशेष व्याख्यान ) करनेमें विरोधका अभाव है।
६ १९० अब इस भाष्यगाथाके अवयवोंके अर्थका किंचित परामर्श करेंगे । वह जैसे-उदयसे लेकर उदयरूप विशेषणसे युक्त जो आवलि है उसे उदयावलि कहते हैं यह उक्त कथनका तात्पर्य । है उसमें जो प्रदेशपुंज 'पयोगसा' प्रयोगवश अर्थात् अपकर्षणरूप परिणाम विशेषके वश प्रविष्ट हुए