Book Title: Kalpasutra Part 02 Sthanakvasi Gujarati
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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५६ श्वेताभिमष्ठा नगरी प्रति भगवान् । विहार हा वायन
विष्ट भार्ग में यंऽठौशिसर्पांजी पास भगवान छायोत्सर्ग करने ठा वार्शन ५८ श्वेतांजिठानगरी भार्गस्थित यंऽठौशिस ठा वार्शन ५८ विष्ट एंगल भार्ग से प्यते हुमे भगवान् छी गोषों द्वारा निषेध धरना ६० यंऽठौशिके विषय में भगवान् । वियार हा वायन
यंऽठौशिष्ठसठी आजी पास भगवान् छा छायोत्सर्ग में स्थित होना यंऽष्ठोशिस हा भगवान् डे पर विष प्रयोग और भगवान् हे यंऽठौशिष्ठ ठो प्रतिसोध उरने ठा वर्शन
उत्तरवायाल गाभ में नागसेन हे घर पर भगवान् हे भिक्षा ग्रह हा वर्शन ६४ भगवान् । प्रतिलालित होने से नागसेन डे घरमें पांय हिव्यों प्रगट होने छा वार्शन ૬૫ गंगा नहीभे सुदंष्ट्रध्वकृत भगवान् डे पसर्ग हा वर्शन
Gपठार और सपठार प्रति भगवान् समभाव छा वार्यान ६७ भगवान् ठेसंगभवकृत उपसर्ग हा वर्शन
भगवान् यातुर्मास छा और तप ठा वार्शन ६८ भगवान् छी संगभटेवकृत उपसर्ग छा और भगवान् ठे थातुर्मास छावार्थान ७० भगवान् डे मनार्थ देशमें प्राप्त परीषह मेवं उपसर्गठा वार्शन ७१ धोर परीषहमेवं उपसर्ग प्राप्त होने पर भी भगवान भन अविकृत स्थिति छावार्शन ७२ भगवान् डी आयारविधि ठा वर्शन ७३ भगवान् समभाव ठा वर्शन ७४ भगवान् डी आयारविधि ठा वार्यान ७५ भगवान् अनार्यशमें उपस्थित परीषह मेवं उपसर्ग हा वार्शन ७६ भगवान् डे विहार स्थानों छा वार्यान ७७ भगवान् समभाव छावार्शन ७८ भगवान् डे विहारस्थान ठा वार्यान ७८ भगवान् । उपसर्गोठा वार्यान
भगवान् छी आयार परिपालन विधिष्ठा वार्शन भगवान् ठे अभिग्रह हा वार्शन अभिग्रहठी पूर्ति हे लिये शिरते हवे भगावन हे विषयमें लोगों हेतई
विर्तठठा वायन ८3 अभिग्रह ही पूर्ति हे लिये झिरते हुवे भगावन्डे यन्टनाला सभीष
पहुँथने छा वर्शन ८४ भगवान् छो आहार ग्रह लिये यन्टनाला ही प्रर्थना
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શ્રી કલ્પ સૂત્ર: ૦૨