Book Title: Kalpasutra Part 02 Sthanakvasi Gujarati
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 13
________________ <<<<<aaaaaaaaaaaaa टेao GmWOOGm हीक्षित होनेठे लिये भगवान् छा नन्टिवर्धन हे साथठा संवाहा वायन निश्चय ज्ञानवान् भगवान्छा छो वर्ष गृहस्थावास में स्थित होना लगवान् छो हीक्षा के लिये लोठान्तिठ टेवों छी प्रार्थना भगवान् छा वार्षिठान, अभिनिष्ठभाया और शाहिदेवों छा आगमन हीक्षा लिये लोष्ठान्तिवों छी लगवान् से प्रार्थना भगवान्ने वर्षीहानमें हान ही हछ सुवर्शभुद्राठी संज्याठा वार्यान उ१ लगवान् छे अभिनिष्ठभाया में आये हुवे छन्द्रष्टि हेवों छा वर्शन ३२ भगवान ठाघीक्षाभहोत्सवठा वर्शन भगवानडी शिनिष्ठा (पालजी)ठा वार्शन उ४ भगवानठी शिमिठा छो वहन उरने ठा प्रठार छा वार्शन सुरेन्द्राहिहेवोंठा पूर्वाटि हिशाओंठा उभ से वहन उरने ठा वार्यान हेवेन्द्राहिद्वारा शिमिष्ठामें भगवानछो ज्ञातजाडोधान में लाना शिनिष्ठा द्वारा भगवान् छा ज्ञातजाडोधानमें आगमन भगवान् हा सर्व संहारठा त्याग उरना और साभाथियारित्रछा मेवं भनःपर्यवज्ञान ठी प्राप्तिठा वार्यान 3८ लगवान् छा शाहिदेवेन्द्रकृत अभिनन्दन और भगवान् छा अभिग्रहधारश उरने ठा वर्शन ४१ भगवान्छा पंथभुष्टिमसुंयन उरना और सामायिष्यारित्र अंगीठार उरने डा वर्शन ४१ भगवान् छो भनःपर्थवज्ञान प्राप्ति ठा वार्यान शाहिदेव और भित्र स्वपन ज्ञात्याहिकाने हे पीछेभगवान का अभिग्रह ग्रहाशरना भगवान् । विरह से नन्विर्धन आहिडे विलाप ठा वार्शन गोप द्वारा ठिये हुये भगवान् डे उपसर्ग हा वार्यान ४५ गोपकृत उपसर्ग निवारा लिये छन्द्र ठा आगमन सहायता डे लिये छन्द्रत प्रार्थना छा अस्वीटार रना छन्द्रघ्त्त हेवढूष्यवस्त्र से भी लगवान् ने भी शरीर आरछाहित नहीं घ्यिा भगवान् डे उपसर्ग हा वार्यान छन्द्र द्वारा गोपठा तिरस्टार रना गोप छो भारने के लिये उद्धत छन्द्र छो भगवत्त निषेध सहायता के लिये छन्द्र ही प्रार्थना छा अस्वीष्ठार પર सेले पाराओं में भगवान् ठामहल नाभठनाला घरमें पधारना 43 लगवान् छो भिक्षा देने से जल वाहलाया घरभे विकृत पांय हिव्यों उा प्रगट होना પ૪ भगवान् उ यक्षकृत उपसर्ग हा वार्शन ५५ भगवान् से यक्षष्ठी क्षमाप्रार्थना 66WW Po० ४६ a P० ० ० શ્રી કલ્પ સૂત્ર: ૦૨

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