Book Title: Kalpasutra Part 02 Sthanakvasi Gujarati
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 12
________________ ॥ श्री उपसूत्रही विषयानुभशिडा॥ अनु. विषय पाना नं. opme भगवान तुपन्भठाल हा वार्शन भेधंऽऽराटि हिाभारियों छा आगमन शहेन्द्र ठे आसन छापित ओना और भगवान् हर्शनार्थ उसठा आना भगवान् डे हर्शनार्थ आते हसे हेवों छा वार्यान भगवान् तुपन्भ महोत्सव हे लिये भगवान् छोलेटर शहेन्द्र छा भे३ पर प्णना भगवान् छो उत्संग में लेटर अभिषेठ सिंहासन पर शहेन्द्रष्ठा जैठना । भगवान् छान्भ महोत्सव हरने ही घरछावाले हेवोंठे भनोभाव हा वर्शन हेवों तु आनन्द, आठ प्रहारठे सश, शछेन्द्रष्ठी चिंता और भे३ठंधनठा वार्यान भेश्ठे ठंधन से सुवनत्रयों रहे हुवे छवोंठो लय होना, शछेन्द्रष्ठी थिन्ता, भ्पन डे हारारा ठो पानना, प्रभु से क्षभायायना १० सय्युतेन्द्राहीष्ठों से ठिये हुये भगवान् ठे अभिषेठठा वार्यान, सर्व हेवों छा शहेन्द्र साथ त्रिशला महारानी हे पास लगवान् छो रजहर अपने अपने स्थान पर पाना ૧૧ सिद्धार्थने भनाया हुवा भगवान् डेन्मभहोत्सव ठा वार्शन ૧૨ त्रिसता द्वारा ही गछ/ पुत्र ही प्रसंसा छा वार्यान लगवान् नाभाठावर्शन १४ भगवान्छी आल्यावस्थाठा वार्यान १५ भगवान् डे लायार्थ डे सभीप प्रस्थानछा वार्शन और लायार्थ ठा भगवानडे मागभनष्ठी प्रतीत्रा धरना भगवान् छा मुलायार्थ ठेसभीप अध्ययन हरनेही अनुथितता ठा प्रतिपाहन धरना भगवान् ठा लायार्थ उपासना-प्लनर शहेन्द्रठामासन भ्यायभान होना, शन्द्र छा भ्रामा ३प से आठ प्रश्न उरटेलगवान् सर्वशास्त्रज्ञ होने ठा प्रछाशन डरना भगवान् छो सर्वशास्त्राभिज्ञ पानटर छलायार्थाहिठों छा परभ आनन्ति होना ૧૯ छन्द्र द्वारा ठिये गये प्रश्नोंछा उत्तर सुनहर लोगों छा और छलाथार्थ ठा आनन्ति होना छन्द्र द्वारा भगवान् छो यरभतीर्थर ३प से प्रष्ठाशित उरना ૨૧ भगवान् छा अपने प्रासाभे आना और मातापिता हा आनन्ति होना २२ भगवान् डे विवाहटा वार्शन भगवान् ठेस्वप्नोठा वार्यान भगवान भातापिता विगेरहठा वार्शन aNPAGma P MKMAG २ २० aaaa WWWPO શ્રી કલ્પ સૂત્ર: ૦૨

Loading...

Page Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 ... 166