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अष्टम - संवर भावना
विराम चिह्न की कला
९७-१०८
नवम - निर्जरा भावना
आत्म-परिष्कार की कला
१०९-११८
दशम - लोक भावना
लोक का स्वरूप
११९-१३२
एकादश - बोधि दुर्लभ भावना
विरल अवसर
१३३-१४४
द्वादश - धर्म भावना
हमारी प्रकृति की वृत्ति
१४५-१५६
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