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जीवन का उत्कर्ष
चिंतन के बिंदु जब तूफान आनेवाला हो, खिड़कियां बंद कर दें। जीवन में आनेवाले तूफान हैं - क्रोध, मान, माया और लोभा
मैं क्रोध द्वारा आनेवाली पीड़ा को देखू, ताकि मैं अन्य में यह पीड़ा नहीं पैदा करूँ।
मैं लोभ द्वारा आनेवाली पीड़ा को देखू, कैसे अपने हिस्से से अधिक बटोरने से दूसरों को उनकी ज़रूरत से कम मिल पाता है।
मैं दे कि अहम् कैसे दूसरों को नीचा दिखाने की कोशिश करता है।
मैं देखू कपट के दिखावों को, कैसे वह मुझसे और दुनियां से सत्य छिपाने पर आधारित है।
यदि मैं अपने ध्येय को सदैव आंतरिक दृष्टि के समक्ष रखू, तो मैं शिखर तक पहुँच जाऊँगा। मैं ऐसा कर सकता हूँ क्योंकि मेरे जीवन पर किसी भी बाहरी शक्ति का नियंत्रण नहीं है। मैं इस ध्येय को प्राप्त करने के लिए ही यहाँ पर हूँ।
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