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जीवन का उत्कर्ष इस अनुभूति से आपके अंदर निर्णय करने की शक्ति आ जाती है। अब आप जिसे बदलना चाहते हैं, उसे बदल सकते हैं, अपने शरीर को निरोगी बना सकते हैं। आप अनुभव करते हैं कि आपके पास जीवन-शक्ति उपलब्ध है। यह वह शक्ति है जो शरीर को, इंद्रियों और बुद्धि को अनुप्राणित करती है। अपने ध्यान की अनुभूति में इसे जानते हुए आप निरंतर अभ्यास और धैर्य के साथ इस शक्ति का उपयोग अपने पूर्व कर्मों को मिटाने और भव चक्र को रोकने के लिए कर सकते हैं।
अभिज्ञता के साथ आप गलत प्रकार के भोजन, विचार और जीवन को बदल सकते हैं। आप उन भारी और नकारात्मक स्पंदनों से मुक्त हो सकते हैं जिनको आपने आत्मसात किया है और जो मानसिक परेशानी या शारीरिक बीमारी में बदल गए हैं। जो जानता है कि ये स्पंदन किस तरह आते हैं और किस तरह निकाले जा सकते हैं, उसके लिए स्वयं के आरोग्य की प्रक्रिया और भी तेज़ हो सकती है।
यह एक दंपति की कहानी है - पति हमेशा जुआ खेलता था और शराब के नशे में धुत रहता था। वह रात को देर से घर आकर द्वार पर दस्तक देता। वह जब भी आता, पत्नी तुरंत द्वार खोल देती। और तो और, वह हमेशा शांत और धैर्यशील रहती। ___अंतत: वह अपने ही दुर्गुणों से थक गया और वहाँ से भाग गया। पाँच वर्ष के बाद एकदम अस्वस्थ होकर वह घर लौटा। उसकी पत्नी जानती थी कि वह एक दिन अवश्य आएगा। पाँच वर्षों के अंतराल में न तो उसने अपनी शांति खोई थी, न ही किसी अवगुण को पास आने दिया। उसने अपनी मानसिक शक्ति बढ़ाने के लिए इस समय का उपयोग किया।
अब वह इतनी सशक्त बन गई थी कि जिस शाम को वह लौटा, उसने सिर्फ इतना कहा, 'कृपया अंदर आइए!उस आदमी को विश्वास नहीं हुआ कि भागने के पाँच वर्षों के बाद भी वह फिर से इन्हीं कोमल शब्दों को सुनेगा। पत्नी ने कहा, 'शायद आपको भूख लगी होगी। आइए, भोजन कीजिए।'
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