Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 5
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 16
________________ अध्यात्म अन्तबधी प्रकृति अध्यात्म-१५४ अ, तप २.३५८ ब। अनत द्रव्य-लोकाकाश १२२३ अ। अध्यात्मकमलमार्तण्ड-१.५४ अ, इतिहास १३४७ अ। अनंत धर्म-२ २४४ ब । अध्यात्मतरगिनी-इतिहास १.३४२ ब। अनंत धर्मत्व शक्ति-१५६ ब । अध्यात्मपद टीका--१५४ अ, इतिहास १३४६ ब । अनंतनाथ-१५६ ब, पूर्वभव २३७६-३६१ । अध्यात्मपद्धति.३ ८ अ । अनंतनाथपुराण-१५६ ब । अध्यात्मभाषा-३ ८ ब । अनतनाथ पूजा-~-इतिहास १ ३४७ अ। अध्यात्मरति-४४३४ अ। अनतपर्यायमयत्व----सापेक्ष धर्म ११०६ अ। अध्यात्मरहरय-१.५४ अ, आशाधर १.२८० ब, इतिहास अनंतबल मुनि-१५६ ब । १.३४४ अ। अनंतभाग--४६६ अ। अध्यात्मशास्त्र-१५४ अ। अनंतमती-१५६ ब, सुमतिनाथ २३८८ । अध्यात्मसंदोह-१.५४ अ, इतिहास १३४१ अ । अनंतमित्र---यदुवश १३३६ । अध्यात्म सबया-इतिहास १.३४७ ब । अनंतरक्षेत्रस्पर्श-४४७५ ब। अध्यात्मसार---इतिहास १.३४७ ब । अनंतर गति सिद्ध-अल्पबहुत्व ११५३ ब । अध्यात्मस्थान-१५४ अ, स्थान ४.४५२ ब। अनंतर ज्ञान सिद्ध-अल्पबहुत्व ११५४ अ । अध्यात्मोपनिषद्-इतिहास १ ३४७ ब । अनतर चारित्र सिद्ध-अल्पबहुत्व ११५३ ब । अध्यारोप-१.५४ ब । अनंतरथ-१५६ ब, रघुवश १३३८ अ । अध्यास---१.५४ ब. षटकारक २.५० ब । अनंतर बन्ध-३ १७१ ब। अध्रुव--१.५४ ब, अनुभाग १८६ अ, ज्ञान ३ २५८ अ, अनंतरोपनिधा-१५६ ब, अनुयोग ११०२ अ, शब्द पद ११०२ ब, १०३ ब, बन्धी प्रकृति ३८८ अ, ६१ ४३ ब, श्रेणी ४७२ अ। अ, ३.६३, स्थान ४४५३ अ। अनंतवर्मन-१५६ ब । अध्वगत-३ १३१ब। अनंतविजय-१५६ ब। अध्वर--१५४ ब, पूजा ३.७४ अ। अनंतवीर्य--मोक्ष ३३२६ अ, वीर्य ३५७७ अ। अध्वान-१ ५४ ब। अनंतवीर्य-चक्रवर्ती ४११ ब, तीर्थकर २३७७, ३६२ । अनंगक्रीडा--१५४ ब । अनतवीर्य-१६० अ, इतिहास १.३३० ब, १३३१ ब, अनंत---१.५४ ब, कालाणु २.८६ अ, जघन्य उत्कृष्ट प्रमाण १३४२ ब। २२१४ ब, गुण २२४४ अ, ब, जीवराशि अनंतवीर्य-कुरुवंश१३३६ अ। १.२२३ ब, द्रव्यराशि १२२३ अ, धर्म २२४४ ब, अनंतव्रत कथा-इतिहास १३४५ ब । पर्याय ११०६ अ, मोक्ष ३ ३३२ अ । अनंतशक्ति-द्रव्य २२४४ अ। अनंतकथा-१५६ अ। अनंतसुख-४४३२ अ, ब, मोक्ष ३३२६ अ। अनतकायिक-भक्ष्याभक्ष्य ३ २०४ अ, ब । अनंता-सुमतिनाथ २३८८ । अनंतकाल-३२१३ ब, कालाणु २८६ अ। अनंताणु वर्गणा-३५१३ अ, ३ ५१५ ब, ३५१६ अ। अनतकीति-१.५६ ब, नन्दिसंघ१३२३ ब, १३२४ अ, अनंतानत-१५६ ब, उपमा प्रमाण २२१८ ब, पुद्गल काष्ठा सघ १३२७ अ, इतिहास १३३० अ, आगम २१४८ अ। परम्परा १३४१ ब, १३४२ अ। अनंतानंतप्रदेशी वर्गणा-३५१५ अ, ३५१६ ब । अनत गणनांक-१५६ ब । अनंतानुबंधी-१६० अ। कषाय २३५ ब, २३८ अ, अनत गुणवृद्धि-४.६६ अ। २३६ अ, मिथ्यादृष्टि ३३०३ अ, सासादन अनंतज्ञान-४४३२ ब, केवलज्ञान २.१४६ अ। ४४२३ अ, ब, मिश्रगुणस्थान ३३१० ब । अनतचतुर्दशी व्रत-१.५६ ब । अनंतानबंधी प्रकृति-१६० अ, उपशम १४४० अ, अनंतचतुष्टय-अनन्तत्व १.५६ अ, चतुष्टय २.२७८ अ, विसयोजना ३२८३ अ। प्ररूपणा-प्रकृति ३८८, अर्हन्त १.१३७ अ। ३.३४४ अ, स्थिति ४४६१, अनुभाग १६४ ब, अनंतजीव-लोकाकाश १.२२३ अ। प्रदेश ३.१३६, प्रदेश निर्जरा का अल्पबहत्व अनंतदेव-१.५६ ब। १.१६१ अ, १.१७४ अ। बन्ध ३.६७, बन्धस्थान Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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