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जीवन का अनुक्रम
पशु-अवस्था है। जिस अवस्था में सुःख और दुःख का संतुलन बना रहता है, वह सामान्य मनुष्य की अवस्था है।
शुद्धतम आत्मा, सिद्ध
परिशुद्ध जीव, अर्हत्
साधु
औसत मनुष्य
∞0
आध्यात्मिक आचार्य
1010
आध्यात्मिक उपाध्याय 105
103
102
10100
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चित्र 3.2 जीवन - धुरी पर आध्यात्मिकतः उच्चतर पंचेंद्रिय कोटि के पांच प्रकार के जीव (यह माप रेखिक नहीं है ।)
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