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जैनधर्म और आधुनिक विज्ञान
117 क्वार्क, लेप्टॉन और गॉज बोसॉन इनमें बोसॉन कण क्वार्क और लेप्टॉन के बीच सरेस का काम करते हैं। क्वार्क और लेप्टॉन एक-दूसरे से भिन्न होते हैं क्योंकि क्वार्कों में भिन्नात्मक आवेश अर्थात् 2/3, 1/3, -1/3 और -2/3 – होता है और लेप्टॉन में शून्य या -1 का पूर्णांकी आवेश होता है। बोसॉन कण इन दोनों कणों से भिन्न होते हैं क्योंकि क्वार्क और लेप्टॉन का चक्रण होता है, जबकि बोसॉन का चक्रण 1 होता है। इलेक्ट्रॉन लेप्टॉन का एक उदाहरण है जिसका आवेश -1 होता है। इसके विपर्यास में, न्यूट्रिनो कण लेप्टॉन का एक अन्य उदाहरण है जिसका आवेश शून्य होता है।
क्वार्क दो या तीन कणों के गुच्छक के रूप में रहते हैं। प्रोटान में तीन क्वार्क कण पाये जाते हैं। जिन वर्गों में तीन क्वार्क पाये जाते हैं, उन्हें बेरिऑन कहते हैं और जिन वर्गों में कुछ विशिष्ट संगत परिस्थितियों में दो क्वार्क पाये जाते हैं, उन्हें मीसॉन कहते हैं। मीसॉनों में एक क्वार्क तथा एक प्रति-क्वार्क भी हो सकता है। मीसॉन का सरलतम उदाहरण धनावेशित पायोन है, जिसमें एक क्वार्क तथा एक प्रति-क्वार्क होता है। यहां यह ध्यान देने योग्य है कि इलेक्ट्रॉन के समान ही, क्वार्क पूर्ण बिंदु के रूप में माने जाते हैं जिनकी कोई विशेष रचना नहीं होती।
विद्युतचुम्बकीय बल
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इलेक्ट्रॉन
परमाणविक केन्द्रक या न्यूक्लियस (चित्र 10.1 ब देखिये)
चित्र 10.1 (अ) हाइड्रोजन परमाणु जिसमें एक इलेक्ट्रॉन है, एक न्यूक्लियस
है और प्रबल न्यूक्लीय बल है।
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