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हिन्दू परम्परा सम्बन्धी विविध कार्यों हेतु प्रयुक्त मुद्राओं... ...43
धेनु मुद्रा-2
एड्रीनल, पैनिक्रयाज, थायरॉइड एवं पैराथायरॉइड, ग्रन्थि केन्द्र- तैजस एवं विशुद्धि केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- पाचन तंत्र, नाड़ी तंत्र, यकृत, तिल्ली,
आँतें, गला, नाक, कान, मुँह, स्वर यंत्र। 11. गदा मुद्रा
मुद्रा योग में गदा मुद्रा के अनेक प्रकार हैं, उनमें से अधोलिखित मुद्रा हिन्दू परंपरा में प्रचलित है। यह संयुक्त मुद्रा गदा और शक्ति की सूचक है। विधि
दोनों हथेलियों को युगपद् कर मध्यमा अंगुलियों को ऊपर उठायें और उनके अग्रभागों को आपस में जोड़ें। फिर शेष अंगुलियों एवं अंगूठों को भीतर की तरफ अन्तर्ग्रथित करने पर गदा मुद्रा बनती है।15