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पूजोपासना आदि में प्रचलित मुद्राओं की प्रयोग विधियाँ ...225
2. पुष्प मुद्रा
अंगूठा और तर्जनी के अग्रभागों से पुष्प आदि ग्रहण कर उन्हें देवताओं के समक्ष अर्पित करना, पुष्प मुद्रा है।
पुष्प मुद्रा
सुपरिणाम
चक्र- विशुद्धि एवं सहस्रार चक्र तत्त्व- वायु एवं आकाश तत्त्व केन्द्रविशद्धि एवं ज्ञान केन्द्र ग्रन्थि- थायरॉइड, पेराथायरॉइड एवं पिनियल ग्रन्थि विशेष प्रभावित अंग- आँख, नाक, कान, गला, मुँह, स्वरयंत्र एवं ऊपरी मस्तिष्क।