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अध्याय-7
उपसंहार
भौतिक एवं आध्यात्मिक चिकित्सा में उपयोगी मुद्राएँ
प्राणिक हीलिंग विशेषज्ञ के.के.जायसवाल एवं एक्युप्रेशर चिकित्सज्ञ शरद कुमार जायसवाल, वाराणसी के अनुसार कौनसा रोग किस मुद्रा से ठीक हो सकता है? इससे सम्बन्धित हिन्दू नाट्य मुद्राओं का एक चार्ट प्रस्तुत किया जा रहा है। . .
इस सम्बन्ध में यह ध्यान देना जरूरी है कि रोगों से छुटकारा पाने हेतु जिन मुद्राओं का सूचन कर रहे हैं वे मुद्राएँ उन रोगों की चिकित्सा में मुख्य सहयोगी हैं किन्तु मनुष्यों की शारीरिक एवं मानसिक प्रकृति भिन्न-भिन्न होने से कई बार अन्य मुद्राओं का प्रयोग करना भी आवश्यक हो जाता है अत: मुद्रा विशेषज्ञों से जानकारी प्राप्त करने के पश्चात ही मुद्राओं से उपचार करना चाहिए।
• किसी भी मुद्रा को निरन्तर कुछ दिनों तक करने पर उसका प्रभाव पड़ता है।
• मुद्रा का प्रयोग सही विधि एवं विश्वास पूर्वक करना अनिवार्य है।
. नित्य आराधना या विशिष्ट साधना के दौरान यदि सम्यक विधि से मुद्रा का प्रयोग किया जाए तो भावधारा निर्मल होने से वे शीघ्र लाभकारी होती हैं।
शारीरिक रोगों के निदान में प्रभावी मुद्राएँ अनिद्रा- गजहस्त मुद्रा, हंस मुद्रा, मुकुल मुद्रा, सप्तजिह्वा मुद्रा, नमस्कार
मुद्रा-2। आफरा- धेनु मुद्रा-2, हरिण मुद्रा, कूर्पर मुद्रा, निद्रातहस्त मुद्रा, सुमुख मुद्रा।