Book Title: Hindu Mudrao Ki Upayogita Chikitsa Aur Sadhna Ke Sandarbh Me
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 362
________________ 296... हिन्दू मुद्राओं की उपयोगिता चिकित्सा एवं साधना के संदर्भ में प्रकार हिन्दू और बौद्ध उभय परम्पराओं में प्रचलित हैं। दोनों मुद्राओं का सामान्य वर्णन निम्न हैप्रथम प्रकार __ तर्जनी मुद्रा के अनेक नाम हैं। भारत में इसे तर्जनी, तर्जनी पाष, पाषतर्जनी मुद्रा, जापान में साइ-फुकु-शो-म-इन मुद्रा और तिब्बत में खो-बोहिस्डिग्स्-म्डजुब-फ्याग रम्या मुद्रा कहते हैं। यह मुद्रा चेतावनी, धमकी एवं बुराईयों के निवारण की सूचक है। तर्जनी मुद्रा-1 विधि बायीं हथेली को स्वयं की तरफ करते हुए हल्की सी मध्यभाग की तरफ घुमायें, तर्जनी को सीधी रखें, शेष अंगुलियों को हथेली में मोड़ें तथा अंगूठे का प्रथम पोर तर्जनी के द्वितीय पोर को स्पर्श करता हुआ रहने पर तर्जनी मुद्रा का प्रथम प्रकार बनता है।32

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