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हिन्दू एवं बौद्ध परम्पराओं में प्रचलित मुद्राओं का स्वरूप......285 लाभ
चक्र- सहस्रार एवं मणिपुर चक्र तत्त्व- आकाश एवं अग्नि तत्त्व अन्थि- पिनियल, एड्रीनल एवं पैन्क्रियाज ग्रन्थि केन्द्र- ज्योति एवं तैजस केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- ऊपरी मस्तिष्क, आँख, नाड़ी तंत्र, पाचन तंत्र, यकृत, तिल्ली, आँतें। 15. पद्म हस्त मुद्रा
यह मुद्रा हिन्दू एवं बौद्ध उभय परम्पराओं में समान है। इस मद्रा में कमल को हाथ में ग्रहण किया हुआ दिखाते हैं अत: इसका नाम पद्म हस्त मुद्रा है।
विधि
पद्म हस्त मुद्रा ___डंठल सहित कमल को दिखाने के लिए हाथ की जैसी आकृति बन सकती है उसी रूप में अंगुलियों आदि को आकार देना पद्म हस्त मुद्रा है।20 लाभ
चक्र- मूलाधार एवं अनाहत चक्र तत्त्व- पृथ्वी एवं वायु तत्त्व प्रन्थिप्रजनन एवं थायमस ग्रन्थि केन्द्र- शक्ति एवं आनंद केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- मेरूदण्ड, गुर्दे, पैर, हृदय, फेफड़ें, भुजाएं, रक्त संचरण प्रणाली।